टीकमगढ़। प्रदेश भर में बढ़ते लंपी वायरस का संक्रमण को लेकर अब टीकमगढ़ जिला प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाए हैं. जिले में 3 संदिग्ध लंपी वायरस के मवेशी पाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने संक्रमित मवेशियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजेन दिए हैं. वहीं अन्य पशुओं को वायरस से बचाने के लिए जिले के जिन इलाकों में संदिग्ध पशु पाए गए हैं वहां पशुओं के विचरण पर धारा 144 लगाई गई है. बीमारी से निपटने के लिए कलेक्टर ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए है.इसके साथ ही जिले में आयोजित होने वाले पशु मेले और उनकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है. (lumpy virus tikamgarh)
पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक: वायरस को रोकने के लिए जिले में धारा 144 के तहत लंपी वायरस से पीड़ित पशु जिले की सीमा में प्रतिबंधित रहेंगे. जिले की सीमाएं पशु परिवहन और आवागमन के लिए सील कर दी गई हैं. पशु मेले, पशुओं की खरीद-बिक्री पर आगामी आदेश तक रोग लगा दी गई है. संक्रमित पशु पाए जाने पर पशु विभाग को तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए है. जिले में संचालित सभी गोशालाओं में साफ सफाई करने के निर्देश दिए गए है. टीकमगढ़ कलेक्टर ने लोगो से जागरूक रहना की अपील की है कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने कहा कि जो ऐसे पशु है, जिनकी लार गिर रही हो और उनको तेज बुखार हो और उनके शरीर पर दाने आ रहे हों, ऐसे पशुओं को अन्य पशुओं से दूर रखें. बीमार मवेशियों को अलग जगह पर रखे. सभी पशुओं का टीकाकरण जरूर करवाएं. कलेक्टर ने सभी पशुपालकों को अपने-अपने पशुओं की देखभाल और उन्हें साफ जगह पर रखने के निर्देश दिए हैं. (collector banned sale animals) (collector subhash kumar dwivedi) (tikamgarh border seal)
जबलपुर प्रशासन ने भी लगाई रोक: लंपी के संदिग्ध मामलों के सामने आने से जबलपुर प्रशासन ने बीमार पशुओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं. इसके अलावा प्रशासन में पशुओं के परिवहन पर धारा 144 के तहत पूरी तरह से रोक लगा दी है. इस बीच ना तो बाहर के पशु जबलपुर आ पाएंगे और ना ही जिले से पशुओं को बाहर भेजा जा सकेगा. इसके अलावा पशुओं की खरीदी बिक्री पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है. (banned sale animals in mp )