टीकमगढ़। जिले में बहुत ही जल्द चीतलों को पकड़कर निवाड़ी जिले के ओरछा के जंगलों में छोड़ा जाएगा, जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को प्रभावित करेंगे. ओरछा में जंगल और सेंचुरी तो है, लेकिन वहां कोई जानवर नहीं है, जिससे ओरछा की सेंचुरी नुमाइश बनी हुई है. इसलिए 100 चीतलों को पकड़कर ओरछा की सेंचुरी में शिफ्ट किया जाएगा.
चीतल बने जंगल की शोभा
जिले के कुंडेश्वर के खेराई जंगल में 300 से अधिक चीतल हैं, जो रंग-बिरंगे है. ये सभी चीतल करीब 500 एकड़ के जंगल में घूमते रहते हैं. ये सभी चीतल जंगल की शोभा बने हुए है. वहीं वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जंगल में चीतलों की संख्या ज्यादा होने के कारण उनको ओरछा के जंगलों में शिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है.
चीतलों की शिफ्टिंग की प्लानिंग
छतरपुर के मुख्य वन संरक्षक आरपी राय ने टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर के खेराई जंगल का मुआयना किया. जिसमें उनके साथ जिले के डीएफओ केपीएस सेंगर सहित तमाम वन विभाग के अमले ने निरीक्षण कर जंगल का भ्रमण किया और चीतलों को यहां से ले जाने की प्लानिंग की.
बोमा पद्धति से होगा चीतलों की शिफ्टिंग
वन संरक्षक आर पी राय ने बताया कि टीकमगढ़ के जंगल से चीतलों को ओरछा के जंगल में शिफ्ट करने के लिए मध्यप्रदेश फॉरेस्ट विभाग से इजाजत मिल गई है. जल्द ही 100 चीतलों को बोमा पद्धति से पकड़ा जाएगा. जिसमें एक जगह पर चीतलों को चारा-दाना डालकर पकड़ा जाता है, और लगातार एक महीने तक उनको 50 एकड़ जंगल में फेंसिंग कर चारा दिया जाएग. जिसमें 10-10 चीतलों को पकड़कर ओरछा ले जाया जाएगा.