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पुष्य नक्षत्र पर कुंडेश्वर धाम में लगा भक्तों का तांता - influx of devotees in Kundeshwar

पुष्य नक्षत्र के मौके पर टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर धाम में आज सुबह से ही भक्तों का तांता लगा.

influx of devotees in Kundeshwar
कुंडेश्वर में लगा भक्तों का तांता
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Published : Feb 8, 2020, 3:09 PM IST

टीकमगढ़। बुंदेलखंड की आस्था का केंद्र माने जाने वाले टीकमगढ़ जिले के शिवधाम कुंडेश्वर में पुष्य नक्षत्र पर आस्था का मेला लगा रहा. पुष्य नक्षत्र के अवसर पर मंदिर में हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया था. लोगों ने नदी में स्नान कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर बिल्वपत्र चढ़ाकर भगवान की पूजा-अर्चना की. माना जाता है कि यह एक पंचमुखी चमत्कारिक शिवलिंग है, जो सबकी मनोकामनाएं पूरी करता है.

कुंडेश्वर में लगा भक्तों का तांता

सुबह से ही ग्रामीण इलाकों से लोगों की मंडलियां गीत गाते हुए अपने-अपने गांवों से मन्दिर तक पैदल आए और नदी में स्नान कर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की. वहीं महिलाएं मन्दिर में गीत गाकर भोलेनाथ की भक्ति में मग्न दिखीं. बताया जाता है कि जैसे अयोध्या और ओरछा में पुष्य नक्षत्र का महत्व होता है, वैसे ही बड़ी धूमधाम के साथ कुंडेश्वर मन्दिर में भी पुष्य नक्षत्र पर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है इस दिन जलाभिषेक और भोलेनाथ की पूजा करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, साथ ही अगर इस किसी भी नए कार्य की शुरुआत यहां से की जाए, तो वो सफल होती है.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड की आस्था का केंद्र माने जाने वाले टीकमगढ़ जिले के शिवधाम कुंडेश्वर में पुष्य नक्षत्र पर आस्था का मेला लगा रहा. पुष्य नक्षत्र के अवसर पर मंदिर में हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया था. लोगों ने नदी में स्नान कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर बिल्वपत्र चढ़ाकर भगवान की पूजा-अर्चना की. माना जाता है कि यह एक पंचमुखी चमत्कारिक शिवलिंग है, जो सबकी मनोकामनाएं पूरी करता है.

कुंडेश्वर में लगा भक्तों का तांता

सुबह से ही ग्रामीण इलाकों से लोगों की मंडलियां गीत गाते हुए अपने-अपने गांवों से मन्दिर तक पैदल आए और नदी में स्नान कर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की. वहीं महिलाएं मन्दिर में गीत गाकर भोलेनाथ की भक्ति में मग्न दिखीं. बताया जाता है कि जैसे अयोध्या और ओरछा में पुष्य नक्षत्र का महत्व होता है, वैसे ही बड़ी धूमधाम के साथ कुंडेश्वर मन्दिर में भी पुष्य नक्षत्र पर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है इस दिन जलाभिषेक और भोलेनाथ की पूजा करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, साथ ही अगर इस किसी भी नए कार्य की शुरुआत यहां से की जाए, तो वो सफल होती है.

Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ जिले में पुष्यनक्षत्र पर लगा शिवधाम मन्दिर में आस्था का मेला


Body:वाईट /01पंडित जमुना महाराज शिवमंदिर कुंडेश्वर

वाईट /02 हरिनारायण पटेरिया भक्तगण कुंडेश्वर

ptc /01 सूर्यप्रकाश गोस्वामी रिपोर्टर टीकमगढ

वाइस ओबर / बुन्देखण्ड की आस्था का केंद्र माने जाने बाला टीकमगढ़ जिले के शिवधाम कुंडेश्वर में आज पुष्यनक्षत्र पर लगा आस्था का मेला यहां पर आज पुष्यनक्षत्र पर हजारो की संख्या में लोगो का सुबह 7 बजे से ही आना जाना सुरु हो गया था और लोगो ने नदी में स्नान कर भगवान भोले नाथ का जलाबिसेख कर बिल्वपत्र चढ़ाकर भगवान की पूजा अर्चना की गई जिसमें सबसे ज्यादा इस बार महिलाओ का मन्दिर आना हुया ओर यह महिलाये अपने अपने घरों से ही गीत गाती हुई मन्दिर आई और भोले नाथ का जलाभिसेख कर पुण्य लाभ अर्जित किया टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर में बिराजे यह भोले नाथ साक्षात है !जो हजारो साल पहिले जमीन से प्रकट हुए थे और तभी से यह निरंतर चावल के आकार के बढ़ते है !और मोटे भी होते है !यह एक पंचमुखी चमत्कारिक शिवलींग है !जो हरभक्त की मनोकामनाएं पूरी करते है !


Conclusion:आज सुबह से ही ग्रामीण इलाकों से लोगो की मंडलियां गीत गाते हुए अपने अपने गांवो से मन्दिर तक पैदल आये और नदी में स्नान कर भोले नाथ की पूजाअर्चना की गई तो वही महिलाये भी मन्दिर में गीत गाकर भोले नाथ की भक्ति में मस्त दिखी बताया जाता है !कि जैसे अयोध्या ओर ओरछा में पुष्यनक्षत्र का महत्व होता है !बेसे ही बड़ी धूमधाम के साथ भक्तगण कुंडेश्वर मन्दिर में भी पुष्यनक्षत्र पर धर्मीक अनुष्ठान ओर पूजा अर्चना करते है !ऑज के दिन जलाबिसेख ओर भोलेनाथ की पूजा करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है !और आज के दिन किसी भी नए कार्य की सुरुआत करे तो वह सफल होता है !
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