टीकमगढ़। मध्यप्रदेश सरकार और भारत सरकार की योजनाओं का लाखों रुपया टीकमगढ़ जिले में संबल योजना के तहत भेजे गया था और उसे पंचायत ग्रामीण विभाग के खातों में जमा किया गया था. वहीं सम्बल योजना सहित तमाम योजनाओं का भी पैसा सरकारी एकल खाते में जमा होता था. वहीं अब इन सरकारी पैसों का गबन कर शासन को लाखों रुपया का चूना मला गया है. इस हाईप्रोफाइल मामले को लेकर पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई और पुलिस मामले की तफ्तीश में लगी हुई है.
दरअसल यह मामला टीकमगढ़ जिले के जतारा जनपद पंचायत का है, जिसका खाता भारतीय स्टेट बैंक शाखा जतारा ब्रांच में है . इस खाते में सरकारी योजनाओं का लाखो करोड़ों रूपया तमाम योजनाओं के तहत जमा किया जाता है, वहीं इस खाते से जालसाज़ी कर शासन के 60 लाख रुपए निकालकर गबन किया गया, जिससे पुरे जिले में हड़कम्प मचा हुआ है और जिला प्रशासन मुश्किल में आ गया है. यह पैसा सम्बल योजना का अपात्र लोगों के नाम फर्जी आदेश बनाकर बैंक को भेजा गया और फिर बैंक से यह पैसा लोगों के खातों में डालकर गबन किया गया.
इतने बड़े घोटाले में जिला प्रशासन पसीना पसीना हो रहा है और वहीं जनपद पंचायत के सीईओ आंनद शुक्ल भी संदेहों के घेरे में नजर आ रहे, जबकि इनके दस्तखत से यह लेटर जारी हुए, लेकिन जनपद सीईओ का कहना है कि पत्रों पर यह दस्तखत मेरे नहीं है, किसी और ने मेरे दस्तखत बनाकर यह पत्र बैंक को जारी कर दिए और इतना बड़ा घोटाला किया गया. अब सवाल खड़ा होता है कि यह कैसे सम्भव हो सकता इतने दिनों से यह सब चल रहा और सीईओ को पता नहीं चला, इसी लिए यह मामला संदेहास्पद नजर आता है.
यह मामला तव पकड़ा गया जब सरकारी योजनाओं पर खर्च की गई राशि की केश बुक तैयार की जा रही थी और काफ़ी ईपीओ नहीं मिले तब यह खुलासा हुआ तो वहीं जनपद पंचायत के सीईओ का कहना रहा कि इसमें बैंक के कर्मचारियों और कुछ हमारी जनपद पंचायत के कर्मचारी और कुछ रिटायर्ड कर्मचारियों की साजिश से इतना बड़ा गबन किया गया. वहीं बैंक, सारा ठीकरा जनपद पंचायत के अधिकारी पर फोड़ रहे और यह मामला लगातार उलझता जा रहा है .
वहीं टीकमगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है और इसकी जांच जनपद पंचायत और पुलिस के द्वारा की जा रही और जेसे ही जनपद पंचायत सारा रिकार्ड पुलिस को देती है, उसमे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर मामला पंजीबद्ध किया जाएगा.