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कुंडेश्वर मंदिर में प्रशासक नियुक्त करने की उठी मांग, ट्रस्ट का कार्यकाल पूरा - Demand to bring the temple under the administration

टीकमगढ़ का कुंडेश्वर मंदिर काफी समय से ट्रस्ट की देखरेख में है लेकिन अब स्थानीय लोगों ने मंदिर को ट्रस्ट से बाहर करने की मांग की है और एक प्रशासक नियुक्त करने की बात कही है.

Kundeshwar Temple
कुंडेश्वर मंदिर
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Published : Nov 6, 2020, 6:03 PM IST

टीकमगढ़। बुंदेलखंड के बड़े मंदिरों में एक टीकमगढ़ जिले का कुंडेश्वर मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र है. इस मंदिर के बार में मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्वंभू है. इस शिवलिंग को किसी ने भी स्थापित या उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं है. मंदिर का शिवलिंग पंचमुखी है. यहां दूर से दूर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह मंदिर काफी समय से ट्रस्ट की देख-रेख में है लेकिन अब स्थानीय लोगों ने मंदिर को ट्रस्ट से बाहर करने की मांग की है और एक प्रशासक नियुक्त करने की बात कही है, लोगों का कहना है कि हर तीन साल में चुनाव करवाये जाते हैं और देखते ही देखते यह राजनीति का आखड़ा बना गया है, जिसे अब बंद कर देना चाहिए.

कुंडेश्वर मंदिर में प्रशासक नियुक्त करने की उठी मांग

ट्रस्ट कमेटी का कार्यकाल समाप्त

कुंडेश्वर मंदिर में कार्यकरिणी और पदाधिकारियों के चयन के लिए हर तीन साल में चुनाव कराये जाते हैं. इस मंदिर की ट्रस्ट कमेटी का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन अभी इस मंदिर के ट्रस्ट कार्यकारणी को पूरा समय बीत गया है. फिर भी यहां पर चुनाव नहीं करवाएं जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है. जबकि आशुतोष धर्म क्षेत्र लोक न्यास ट्रस्ट का कार्यकाल 18 मई को पूर्ण हो गया था. जिससे मंदिर के विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

Kundeshwar Bhagwan
कुंडेश्वर भगवान

मंदिर को करें प्रशासक के हवाले

मई में कार्यकाल खत्म होने पर कोरोना के चलते छह माह तक ट्रस्ट का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. लेकिन अब काफी समय बीत गया है, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिससे लोगों में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. लोगों की मांग की है ट्रस्ट का समय पूरा हो गया यदि चुनाव नहीं करवाने हैं तो प्रशासन को यह मंदिर अपने अधीन कर लेना चाहिए. जिससे मंदिर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड के बड़े मंदिरों में एक टीकमगढ़ जिले का कुंडेश्वर मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र है. इस मंदिर के बार में मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्वंभू है. इस शिवलिंग को किसी ने भी स्थापित या उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं है. मंदिर का शिवलिंग पंचमुखी है. यहां दूर से दूर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह मंदिर काफी समय से ट्रस्ट की देख-रेख में है लेकिन अब स्थानीय लोगों ने मंदिर को ट्रस्ट से बाहर करने की मांग की है और एक प्रशासक नियुक्त करने की बात कही है, लोगों का कहना है कि हर तीन साल में चुनाव करवाये जाते हैं और देखते ही देखते यह राजनीति का आखड़ा बना गया है, जिसे अब बंद कर देना चाहिए.

कुंडेश्वर मंदिर में प्रशासक नियुक्त करने की उठी मांग

ट्रस्ट कमेटी का कार्यकाल समाप्त

कुंडेश्वर मंदिर में कार्यकरिणी और पदाधिकारियों के चयन के लिए हर तीन साल में चुनाव कराये जाते हैं. इस मंदिर की ट्रस्ट कमेटी का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन अभी इस मंदिर के ट्रस्ट कार्यकारणी को पूरा समय बीत गया है. फिर भी यहां पर चुनाव नहीं करवाएं जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है. जबकि आशुतोष धर्म क्षेत्र लोक न्यास ट्रस्ट का कार्यकाल 18 मई को पूर्ण हो गया था. जिससे मंदिर के विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

Kundeshwar Bhagwan
कुंडेश्वर भगवान

मंदिर को करें प्रशासक के हवाले

मई में कार्यकाल खत्म होने पर कोरोना के चलते छह माह तक ट्रस्ट का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. लेकिन अब काफी समय बीत गया है, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिससे लोगों में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. लोगों की मांग की है ट्रस्ट का समय पूरा हो गया यदि चुनाव नहीं करवाने हैं तो प्रशासन को यह मंदिर अपने अधीन कर लेना चाहिए. जिससे मंदिर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें.

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