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टीकमगढ़ में प्रशासन के लाख दावों के बीच सड़कों पर घूम रही गाय, न गौशाला और न आस्था

टीकमगढ़ में गौशाला को लेकर जिले की हकीकत कुछ और ही कहती है.शहर भर के सभी प्रमुख चौराहों पर गायों का झुंड देखने को मिल ही जाता है. एक साथ सैकड़ों की संख्या में गायों का समूह कई बार हादसों का सबब भी बन जाता है.

Stray cows among claims
दावों के बीच आवारा घूम रही गायें
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Published : Sep 29, 2020, 8:22 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 9:42 PM IST

टीकमगढ़। गौशाला को लेकर कांग्रेस हो या फिर बीजेपी सभी गायों को लिए गौशाला खुलने के दावे करते रहे हैं, लेकिन गौशाला को लेकर टीकमगढ़ जिले की हकीकत कुछ और ही कहती है. यहां शहर भर के सभी प्रमुख चौराहों पर गायों का झुंड देखने को मिल ही जाता है. एक साथ सैकड़ों की संख्या में गायों का समूह कई बार हादसों का सबब भी बन जाता है.लेकिन इन सब के बाद भी गाय को लेकर न तो जिला प्रशासन चिंतित नजर आ रही है और न ही आम लोग, पं. अभिषेक गिरी आचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है. लेकिन आज के दौर में गाय की जो दुर्दशा हो रही है. उन गायों के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.

लाख दावों के बीच सड़कों पर घूम रही गाय

गौशाला और हकीकत में फर्क

आचार्य ने कहा कि सरकार कहती है कि यहां गायों के लिए गौशाला बन रही है, लेकिन आज भी गायों की स्थिति वैसी ही है जैसे पहले थी, उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ के किसी भी चौराहे पर चले जाएं, वहां बहुत सी गाय सड़क के किनारे और बीचो-बीच बैठी मिलेंगी. जिससे कई बार दुर्घटना में गाय की मौत हो जाती है. जबकि हिंदू धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है, लेकिन गायों की स्थिति बहुत खराब है. पं. अभिषेक गिरी आचार्य ने कहा कि कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी की दोनों ही गायों को लेकर लाख दावे करते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है, गायों के लिए गौशाला बनाई जा रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से काफी दूर है. आज भी गाय सड़कों के किनारे या साइड से मिल जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसे ही गायों पर अत्याचार होता रहा, तो एक दिन हिंदू धर्म खतरे में पड़ जाएगा. लेकिन हिंदू गायों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, वे उनका दूध दोहन कर रहे हैं और गाय दूध देने से इनकार कर दे, तो वे उसे मरने के लिए सड़कों पर छोड़ देते हैं.

टीकमगढ़ जिले में 23 नई गौशाला

इस मामले में विधायक राकेश गिरी का कहना है कि गायों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि गायों को समुचित रहने और खाने की व्यावस्था कराई जाए. अभी 23 नई गौशाला टीकमगढ़ में स्वीकृत की गई है. गायों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए शहर में 23 गौशाला और अन्य विधानसभा में 25-25 गौशाला खुले जाने का प्रस्ताव है. विधायक ने कहा कि 6 महीने के अंदर सभी गौशाला का निर्माण हो जाएगा, और गाय अपने सुरक्षित गौशाला में पहुंच जाएंगी.

जिला पंचायत सीईओ को दी गई गायों की जिम्मेदारी

पशुपालन विभाग उप संचालक डॉ. वीके पटेल ने कहा कि टीकमगढ़ जिले में 30 गौशाला का निर्माण किया गया है. जिसमें 20 गौशाला का निर्माण टीकमगढ़ और 10 गौशाला का निर्माण निमाड़ी जिले में किया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि इन गौशालाओं में पशुओं को रखने की क्षमता है. गौशाला में 100 गायों को एक साथ रखा जा सकता है. पशुपालन विभाग उप संचालक ने कहा हर गौशाला में चारे और भूसे की व्यवस्था करने के लिए पंचायत सीईओ को जिम्मेदारी दी गई है. डॉ. वीके पटेल ने बताया कि टीकमगढ़ में 3 लाख के आसपास पशुधन है.

अधिकारियों को दिए गए निर्देश

गौशाला को लेकर टीकमगढ़ कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गौशालाएं बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और नगरीय मुख्य नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, कि वे पशुओं की देखभाल करें. ताकि उन्हें सड़कों पर आवारा ना धूमना पड़े.

अब देखना होगा कि जिला प्रशासन के दावे जमीन पर कितने हकीकत में बदलते हैं. वैसे शहर के समाजसेवी भी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए, लेकिन यह बात सच्चाई में कब बदलेगी, यह देखने लायक होगा.

टीकमगढ़। गौशाला को लेकर कांग्रेस हो या फिर बीजेपी सभी गायों को लिए गौशाला खुलने के दावे करते रहे हैं, लेकिन गौशाला को लेकर टीकमगढ़ जिले की हकीकत कुछ और ही कहती है. यहां शहर भर के सभी प्रमुख चौराहों पर गायों का झुंड देखने को मिल ही जाता है. एक साथ सैकड़ों की संख्या में गायों का समूह कई बार हादसों का सबब भी बन जाता है.लेकिन इन सब के बाद भी गाय को लेकर न तो जिला प्रशासन चिंतित नजर आ रही है और न ही आम लोग, पं. अभिषेक गिरी आचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है. लेकिन आज के दौर में गाय की जो दुर्दशा हो रही है. उन गायों के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.

लाख दावों के बीच सड़कों पर घूम रही गाय

गौशाला और हकीकत में फर्क

आचार्य ने कहा कि सरकार कहती है कि यहां गायों के लिए गौशाला बन रही है, लेकिन आज भी गायों की स्थिति वैसी ही है जैसे पहले थी, उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ के किसी भी चौराहे पर चले जाएं, वहां बहुत सी गाय सड़क के किनारे और बीचो-बीच बैठी मिलेंगी. जिससे कई बार दुर्घटना में गाय की मौत हो जाती है. जबकि हिंदू धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है, लेकिन गायों की स्थिति बहुत खराब है. पं. अभिषेक गिरी आचार्य ने कहा कि कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी की दोनों ही गायों को लेकर लाख दावे करते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है, गायों के लिए गौशाला बनाई जा रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से काफी दूर है. आज भी गाय सड़कों के किनारे या साइड से मिल जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसे ही गायों पर अत्याचार होता रहा, तो एक दिन हिंदू धर्म खतरे में पड़ जाएगा. लेकिन हिंदू गायों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, वे उनका दूध दोहन कर रहे हैं और गाय दूध देने से इनकार कर दे, तो वे उसे मरने के लिए सड़कों पर छोड़ देते हैं.

टीकमगढ़ जिले में 23 नई गौशाला

इस मामले में विधायक राकेश गिरी का कहना है कि गायों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि गायों को समुचित रहने और खाने की व्यावस्था कराई जाए. अभी 23 नई गौशाला टीकमगढ़ में स्वीकृत की गई है. गायों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए शहर में 23 गौशाला और अन्य विधानसभा में 25-25 गौशाला खुले जाने का प्रस्ताव है. विधायक ने कहा कि 6 महीने के अंदर सभी गौशाला का निर्माण हो जाएगा, और गाय अपने सुरक्षित गौशाला में पहुंच जाएंगी.

जिला पंचायत सीईओ को दी गई गायों की जिम्मेदारी

पशुपालन विभाग उप संचालक डॉ. वीके पटेल ने कहा कि टीकमगढ़ जिले में 30 गौशाला का निर्माण किया गया है. जिसमें 20 गौशाला का निर्माण टीकमगढ़ और 10 गौशाला का निर्माण निमाड़ी जिले में किया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि इन गौशालाओं में पशुओं को रखने की क्षमता है. गौशाला में 100 गायों को एक साथ रखा जा सकता है. पशुपालन विभाग उप संचालक ने कहा हर गौशाला में चारे और भूसे की व्यवस्था करने के लिए पंचायत सीईओ को जिम्मेदारी दी गई है. डॉ. वीके पटेल ने बताया कि टीकमगढ़ में 3 लाख के आसपास पशुधन है.

अधिकारियों को दिए गए निर्देश

गौशाला को लेकर टीकमगढ़ कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गौशालाएं बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और नगरीय मुख्य नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, कि वे पशुओं की देखभाल करें. ताकि उन्हें सड़कों पर आवारा ना धूमना पड़े.

अब देखना होगा कि जिला प्रशासन के दावे जमीन पर कितने हकीकत में बदलते हैं. वैसे शहर के समाजसेवी भी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए, लेकिन यह बात सच्चाई में कब बदलेगी, यह देखने लायक होगा.

Last Updated : Sep 29, 2020, 9:42 PM IST
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