टीकमगढ़। जिले के एक ऐसा कुआं हैं, जिसके पानी से नहाने से सभी प्रकार के चर्म रोग और बीमारियां ठीक हो जाती है. सभी धर्म के लोग इस पानी को चमत्कारी बताते हैं. लोगों का कहना है कि, अस्पतालों को कई चक्कर लगाए, इसके बावजूद चर्म रोग से निजात नहीं मिली. वहीं इस कुएं के पानी से नहाने से कई लोग ठीक हो गए. मेडिकल साइंस का कहना है कि, पानी में सल्फर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से चर्म रोग ठीक हो रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि, यहां पर किसी भी चर्म रोग को ठीक करने के लिए पांच बार आना पड़ता है. हालांकि उससे पहले ही बीमारी ठीक हो जाती है. लोग इसे दैवीय चमत्कार भी मान रहे हैं. इसका कारण ये है कि, इस कुएं के पाए देवी का चबूतरा है, लोग इस कुएं में नहाकर इस चबूतरे पर प्रसाद आदी चढ़ाते हैं. यह कुआं दुर्गापुर गांव में छतरपुर हाईवे पर बना हुआ है. जहां हर रविवार और बुधवार को लोगों का हुजूम लगा रहता है.
कई रोग होते हैं ठीक
इस कुएं में नहाकर दाद, खाज, खुजली, कुष्ठ रोग, शरीर पर चकते बनना, शरीर पर धब्बे बनना, बच्चों को सुखी का रोग सहित कई बिमारियों से निजात मिलती है. लोगों का कहना है कि, इस कुएं पर जितनी बार भी नहाने आते हैं, पहने हुए कपड़ों को वहीं पर छोड़कर जाना पड़ता है.
हजारों रूपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिला था आराम
कुएं पर नहाने पहुंचे बम्होरी कला निवासी शेख फरीद का कहना है कि वह कई दिनों से चर्म रोग का इलाज करवा रहे हैं. इसके लिए वह झांसी मेडिकल कॉलेज और ग्वालियर तक जा चुकें हैं, लेकिन कहीं से भी रोग ठीक नहीं हुआ. इसके लिए करीब 50 हजार रूपए भी खर्च कर चुके हैं. वहीं जब इस कुए के बारे में पता चला तो यहां नहाने आए और शेख फरीद को आराम मिला.
इस अनोखे कुएं पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के छतरपुर, पन्ना, सागर, दमोह, झांसी, ललितपुर, मोठ, दतिया, सहित कई जिलों के हजारों लोग नहाने आते हैं और बीमारी से मुक्त हो जाते हैं. कुएं के पास बने देवी के मंदिर के पुजारी इस कुएं को अमृत कुंड बताते हैं. उनका कहना है कि यह पानी चमत्कारी है. इससे सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं. जिसमें कुष्ठ रोग भी शर्तिया ठीक होता है. लोगों का कहना है जो रोग हजारों रूपए खर्च करने के बाद भी ठीक नहीं होता है, वह इस कुएं के पानी से नहाने से ठीक हो जाता है.