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हैट्रिक लगाएंगे मोदी के मंत्री, या कांग्रेस का खुलेगा खाता, किस पर दांव लगाएगा टीकमगढ़ का मतदाता

2008 के परिसीमन के बाद बनी टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर अबतक दो बार ही आम चुनाव हुए हैं, दोनों ही बार बीजेपी के डॉ. वीरेंद्र खटीक ने यहां जीत दर्ज की है. जबकि इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस की महिला प्रत्याशी किरण अहिरवार से है.

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Published : May 5, 2019, 12:25 AM IST

Updated : May 5, 2019, 11:49 AM IST

बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र खटीक और कांग्रेस प्रत्याशी किरण अहिरवार

टीकमगढ़। बुंदेलखंड अंचल का ऐतिहासिक शहर टीकमगढ़ जितना अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. उतनी ही अहमियत यह सूबे की सियासत में भी रखता हैं. बुंदेली धरा से निकले कई नेताओं ने देश और प्रदेश की सियासत में अपना अलग ही रुतबा कायम किया है. यही वजह है कि यहां चुनावी मुकाबला हर बार दिलचस्प होता है. टीकमगढ़ में इस बार बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक के सामने कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी किरण अहिरवार पर दांव लगाया है.

हैट्रिक लगाएंगे मोदी के मंत्री या टीकमगढ़ में कांग्रेस का खुलेगा खाता

टीकमगढ़ लोकसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. अब तक इस सीट पर दो बार आम चुनाव हुए हैं. दोनों ही बार बीजेपी के वीरेंद्र खटीक ने टीमकगढ़ में जीत दर्ज की है. तीसरी बीर वो चुनावी मैदान में हैं.

टीकमगढ़ के कुल 16 लाख 43 हजार 361 मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में मतदान करेंगे. जिनमें पुरुष मतदाता 8लाख 72हजार563 मतदाता, तो 7लाख 70हजार 769 महिला मतदाता शामिल हैं. टीकमगढ़ में इस बार कुल 2062 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जहां प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम करने की बात कही हैं.

टीकमगढ़ लोकसभा सीट के तहत टीकमगढ़, जतारा, खरगापुर, पृथ्वीपुर, निवाड़ी, महराजपुर, बिजावर और छतरपुर विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें से चार सीटों पर बीजेपी काबिज है, तो तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में हैं. 2014 में वीरेंद्र खटीक ने कांग्रेस कमलेश वर्मा को 2 लाख 8 हजार 731 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. जबकि समाजवादी पार्टी इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी. इस बार बीजेपी के पूर्व विधायक आरडी प्रजापति बीजेपी से बगावत करके सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से मैदान में है. जिससे इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है.

शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच बंटी टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र में बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ा मुद्दा हैं. जबकि पूरे बुंदेलखंड की तरह पानी की समस्या अब भी यहां जस की तस बनी हुई है. वही ग्रामीण क्षेत्र अब भी पिछड़ापन का शिकार नजर आता है, जहां शिक्षा, स्वास्थय जैसी मूलभूत सुविधाओं का साफ आभाव नजर आता हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि टीकमगढ़ का मतदाता 6 मई को किस पर दांव लगाता हैं.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड अंचल का ऐतिहासिक शहर टीकमगढ़ जितना अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. उतनी ही अहमियत यह सूबे की सियासत में भी रखता हैं. बुंदेली धरा से निकले कई नेताओं ने देश और प्रदेश की सियासत में अपना अलग ही रुतबा कायम किया है. यही वजह है कि यहां चुनावी मुकाबला हर बार दिलचस्प होता है. टीकमगढ़ में इस बार बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक के सामने कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी किरण अहिरवार पर दांव लगाया है.

हैट्रिक लगाएंगे मोदी के मंत्री या टीकमगढ़ में कांग्रेस का खुलेगा खाता

टीकमगढ़ लोकसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. अब तक इस सीट पर दो बार आम चुनाव हुए हैं. दोनों ही बार बीजेपी के वीरेंद्र खटीक ने टीमकगढ़ में जीत दर्ज की है. तीसरी बीर वो चुनावी मैदान में हैं.

टीकमगढ़ के कुल 16 लाख 43 हजार 361 मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में मतदान करेंगे. जिनमें पुरुष मतदाता 8लाख 72हजार563 मतदाता, तो 7लाख 70हजार 769 महिला मतदाता शामिल हैं. टीकमगढ़ में इस बार कुल 2062 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जहां प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम करने की बात कही हैं.

टीकमगढ़ लोकसभा सीट के तहत टीकमगढ़, जतारा, खरगापुर, पृथ्वीपुर, निवाड़ी, महराजपुर, बिजावर और छतरपुर विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें से चार सीटों पर बीजेपी काबिज है, तो तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में हैं. 2014 में वीरेंद्र खटीक ने कांग्रेस कमलेश वर्मा को 2 लाख 8 हजार 731 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. जबकि समाजवादी पार्टी इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी. इस बार बीजेपी के पूर्व विधायक आरडी प्रजापति बीजेपी से बगावत करके सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से मैदान में है. जिससे इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है.

शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच बंटी टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र में बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ा मुद्दा हैं. जबकि पूरे बुंदेलखंड की तरह पानी की समस्या अब भी यहां जस की तस बनी हुई है. वही ग्रामीण क्षेत्र अब भी पिछड़ापन का शिकार नजर आता है, जहां शिक्षा, स्वास्थय जैसी मूलभूत सुविधाओं का साफ आभाव नजर आता हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि टीकमगढ़ का मतदाता 6 मई को किस पर दांव लगाता हैं.

Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ लोकसभा आरक्षित सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक होगा क्योंकि इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार दिखाई दे रहे है


Body:वाइट 01 आशीष जेन मतदाता टीकमगढ़

वाईट /02 अभिषेख खरे रानू मतदाता टीकमगढ़

वाइट /03 मनमोहन तिवारी मतदाता टीकमगढ़

वाईट /04 परुषोतम सेंगर मतदाता टीकमगढ़

वाइस ओबर / टीकमगढ़ आरक्षित 06 लोकसभा सीट पर इस बार चुनाव काफी रोचक होगा क्योंकि इस बार मोदी सरकार में मंत्री रहे डॉक्टर वीरेंद्र खटीक को वी जे पी ने तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है यह इस सीट से लगातार 2 बार से सांसद है लेकिन यह पूरी तरह यहां की जनता को खुश नही कर सके जिसकारण जनता इनको ज्यादा लाइक नही कर रही है तो वही कोंग्रेस पार्टी ने किरण अहिरवार को अपना प्रत्याशी बनाया गया है लेकिन किरण एक नया चेहरा होने के कारण जनता उनको पैराशूट प्रत्याशी करार दे रही है बेसे अभी किरण राजनीति में नया चहेरा है उनके पति ए आर सिंह लोकनिर्माण विभाग में अधीक्षण यंत्री के पद पर है और किरण के पिता आर एस बैरवा जो दिग्विजय सिंह के शासन काल मे बैरवा जी प्रमुख सचिब थे और दिग्विजय सिंह के काफी करिवी जिसके चलते दिग्विजय सिंह ने किरण को टिकिट दिलवाया ओर पैराशूट बनाकर भोपाल से टीकमगढ़ उत्तार दिया गया जो टीकमगढ़ के लोगो को एक नया चेहरा है जिसका लोग विरोध करने में जुटे हुए है !तो वही समाजवादी पार्टी से आर डी प्रजापति को मैदान में उतारा है आर डी प्रजापति पहिले वी जे पी में थे और चंदला सीट से विधायक भी ओर उनको जब वी जे पी से सांसद का टिकिट नही मिला तो यह पार्टी से बगावत कर समाजवादी पार्टी से टिकिट लेआये ओर केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक के सामने ताल ठोक रहे है इस तरह टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है और सभी अपनी अपनी जीत का दावा पेश कर रहे है


Conclusion:टीकमगढ लोकसभा सीट पर हो रहे इस चुनाव में 14 प्रत्याशी मैदान में है जिसमे 3 प्रत्याशी ही दमदार दिखाई दे रहे है जो राष्ट्रीय पार्टियों के है जिसमे कोंग्रेस बी जे पी ओर समाजवादी पार्टी बाकी के लोग निर्दलिय है फिर टीकमगढ़ सीट का चुनाव काफी प्रतिष्ठा पूर्ण माना जा रहा है क्योंकि जहा पर मोदी सरकार के राज्यमंत्री खटीक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी तो वही मध्यप्रदेश सरकार के बणिज्यकर मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौर की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है क्योंकि मध्यप्रदेश के मुखिया कमलनाथ ओर कोंग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने किरण के जिताने का जिम्बा ब्रजेन्द्र सिंह राठौर को दिया है क्योंकि ब्रजेन्द्र सिंह ही एक ऐसे मंत्री है जो टीकमगढ़ जिले ओर निवाडी जिले से विधानसभा में एक सीट जीतकर लाये थे और बाकी की 4 सीटे भारतीय जनता पार्टी के पास है ऐसे में ब्रजेन्द्र सिंह राठौर पर बड़ी जिमबेदारी सोपि गई है जिसकारण यह चुनाव काफी महत्पूर्ण माना जा रहा है !लेकिन मजे की बात तो यह है कि टीकमगढ़ सीट का दुर्भाग्य रहा अभी तक यहां से कोई स्थानीय प्रत्याशी नही रहा और न ही चुनाव जीता है इस सीट के 16 लाख 48 हजार मतदाता इस सीट के सांसद के भाग्य का फैसला करेंगे कि अबकी बार कोन होगा सांसद बेसे समाज वादी पार्टी प्रत्याशी यह सीट तो नही निकाल सकते लेकिन यह जीत हार के आंकड़े जरूर प्रभावित कर सकते है और बना बनाया खेल बिगाड़ सकते है लेकिन मेंन जो टक्कर होगी वह वी जे पी ओर कोंग्रेस में होगी अब यह तो बक्त ही तय करेगा कि टीकमगढ़ सीट पर इस बार कोन बनेगा सांसद जो 6 मई को होने बाले मतदान को ही टीकमगढ़ के नए सांसद की किस्मत का फैसला होगा
Last Updated : May 5, 2019, 11:49 AM IST
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