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अब घर पर उगाएं शुद्ध और ताजी सब्जियां, कृषि विभाग दे रहा टेरेस फार्मिंग की ट्रेनिंग

टीकमगढ़ जिले में शुद्ध और ताजा सब्जियां लोगों को मिल सके, इसके लिए कृषि विभाग टेरेस फार्मिंग की ट्रेनिंग दे रही है, साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है,

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Published : Nov 5, 2020, 3:46 PM IST

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टेरेस फार्मिंग से मिलेगी शुद्ध और ताजा सब्जियां

टीकमगढ़। शरीर में पौष्टिक आहार की पूर्ति के लिए ताजी हरी सब्जियों और फलों का सेवन बहुत जरूरी है, लेकिन इस आधुनिक और तकनीकी युग में शुद्ध एवं जैविक सब्जियां एक चुनौती बनकर रह गई है. बाजार में धड़ल्ले से बिक रही केमिकल युक्त सब्जियां मानव शरीर के लिए किसी जहर से कम नहीं है. ऐसे में अब घर-घर में शुद्ध और जैविक सब्जियों की जरूरत महसूस की जा रही है. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए टीकमगढ़ जिले में कृषि विभाग ने लोगों को शुद्ध और ताजा सब्जियां उपलब्ध कराने की पहल की है. जिसमें कृषि विभाग मकानों की छत पर टेरेस गार्डन डवलप करवा जा रहा है.

अब घर की बालकनी और किचन में भी फल-सब्जियों को उगाने का चलन धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. इससे लोगों को न सिर्फ रासायनिक उर्वरकों और गंदे पानी से पैदा हो रही सब्जियों का विकल्प मिल सकता है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी बहुत सस्ता पड़ता है. इस विधि से एक सौ वर्ग गज के मकान की छत और बालकनी से इतनी सब्जियां पैदा की जा सकती हैं कि इससे एक परिवार को बाहर से सब्जियों को लाने की आवश्यकता न के बराबर रह जाती है. जिले में कृषि विभाग द्वारा लोगों को टेरेस फार्मिंग को लेकर जागरुक किया जा रहा है. जिसमें टेरेस गार्डन को डवलप कर बिना केमिकल्स के सब्जियां लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिसको लेकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

यह भी पढ़ें:- सेहत का खजाना है पोषण वाटिका, यहां जैविक खाद से हो रहा सब्जियों का उत्पादन

कैसे हो रही किचन फार्मिंग

घर की छत और बालकनी में गमले रखकर या दीवारों से लटकती 'हैंगिंग मैट' पर छोटे-छोटे गमले की क्यारियों में भी सफलतापूर्वक सब्जियां उगाई जा सकती हैं. जिस प्रकार से फूल लगाया जाता है, उसी प्रकार इस विधि में गमलों में हरी खाद डालकर उनमें मौसम के अनुकूल सब्जियों की छोटी पौध या बीज डालकर कुछ ही समय में घर के उपयोग के लिए ताजी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. ये बीज-पौध आसपास की नर्सरी से प्राप्त की जा सकती हैं.

टीकमगढ़। शरीर में पौष्टिक आहार की पूर्ति के लिए ताजी हरी सब्जियों और फलों का सेवन बहुत जरूरी है, लेकिन इस आधुनिक और तकनीकी युग में शुद्ध एवं जैविक सब्जियां एक चुनौती बनकर रह गई है. बाजार में धड़ल्ले से बिक रही केमिकल युक्त सब्जियां मानव शरीर के लिए किसी जहर से कम नहीं है. ऐसे में अब घर-घर में शुद्ध और जैविक सब्जियों की जरूरत महसूस की जा रही है. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए टीकमगढ़ जिले में कृषि विभाग ने लोगों को शुद्ध और ताजा सब्जियां उपलब्ध कराने की पहल की है. जिसमें कृषि विभाग मकानों की छत पर टेरेस गार्डन डवलप करवा जा रहा है.

अब घर की बालकनी और किचन में भी फल-सब्जियों को उगाने का चलन धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. इससे लोगों को न सिर्फ रासायनिक उर्वरकों और गंदे पानी से पैदा हो रही सब्जियों का विकल्प मिल सकता है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी बहुत सस्ता पड़ता है. इस विधि से एक सौ वर्ग गज के मकान की छत और बालकनी से इतनी सब्जियां पैदा की जा सकती हैं कि इससे एक परिवार को बाहर से सब्जियों को लाने की आवश्यकता न के बराबर रह जाती है. जिले में कृषि विभाग द्वारा लोगों को टेरेस फार्मिंग को लेकर जागरुक किया जा रहा है. जिसमें टेरेस गार्डन को डवलप कर बिना केमिकल्स के सब्जियां लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिसको लेकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

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कैसे हो रही किचन फार्मिंग

घर की छत और बालकनी में गमले रखकर या दीवारों से लटकती 'हैंगिंग मैट' पर छोटे-छोटे गमले की क्यारियों में भी सफलतापूर्वक सब्जियां उगाई जा सकती हैं. जिस प्रकार से फूल लगाया जाता है, उसी प्रकार इस विधि में गमलों में हरी खाद डालकर उनमें मौसम के अनुकूल सब्जियों की छोटी पौध या बीज डालकर कुछ ही समय में घर के उपयोग के लिए ताजी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. ये बीज-पौध आसपास की नर्सरी से प्राप्त की जा सकती हैं.

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