टीकमगढ़। सर्दी का सितम रोजाना परवान चढ़ रहा है, पिछले दो दिनों में पारा गिरकर अपने न्यूनतम रिकॉर्ड पर है. ठंड की ठिठुरन से लोग घरों में दुबके हैं. बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन सर्दी से बचाने के लिए चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था तक नहीं की है. प्रशासन की इस बदइंतजामी से लोग आहत हैं. नगर परिषद के जिम्मेदार अफसर अलाव का इंतजाम करना भूल गए हैं. बम्होरी-तिगैला से लेकर बस स्टैण्ड तक अलाव तलाशते लोगों को निराशा ही हाथ लग रही है. जम्मू कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी से बुंदेलखंड सहित पूरे जिले में कड़ाके की सर्दी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है.
सर्दी में भी शहर में कहीं नहीं दिखता अलाव
बड़ागांव से लौटे दीपेंद्र नायक, रमेश कुमार अहिरवार ने बताया कि सर्दी बहुत है. बस स्टैण्ड व तिगैला के आसपास अलाव नहीं होने से परेशानी बढ़ गई है. लोगों ने बताया कि बस का इंतजार कर रहे हैं. सर्दी सता रही है, लेकिन अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिले के अन्य निकाय प्रशासन की ओर से भी कहीं अलाव नहीं लगाया (Administration burning bonfire in government files) गया है. यात्रियों सहित आमजन को परेशान नहीं होना पड़ रहा है. बस स्टैण्ड, बम्होरी-तिगैला, मुख्य बाजार, अस्पताल सहित आसपास नगर के सार्वजनिक स्थानों पर दूसरे शहरों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. बस के इंतजार में घंटों एक ही स्थान पर यात्रियों को खड़ा रहना पड़ रहा है.
कागज-कचरे जला सर्दी भगा रहे लोग
प्रशासन कड़ाके की ठंड पड़ने के बाद भी अलाव की व्यवस्था नहीं (People are shivering from harsh winter) कर रहा है, इस कारण मुख्य बाजार, बस स्टैंड, बम्होरी तिगैला सहित नगर के वार्डों के रहवासी कागज व कचरा, रद्दी, टायर जलाकर ठंड से बच रहे हैं. अब तक नगर परिषद भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है. नगर के नंदू चौरसिया, बल्लू, रामू रैकवार सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नगर के विभिन्न चौक-चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से की है.
अलाव जमीं निगल गई या आसमां
विदित है कि बस स्टैंड, तिराहा और मुख्य बाजार मुख्य जगहें हैं, जहां सैकड़ों लोगों का आना जाना रहता है. इन जगहों को छोड़कर नगर प्रशासन ने रसूखदारो के घरों व दुकानों के सामने अलाव की व्यवस्था की है. हैरत की बात है कि सीएमओ बाल किशन पटेल को तो पता ही नहीं कि अलाव की व्यवस्था कहां कहां किया गया है. वहीं सफाई शाखा प्रभारी प्रेमलाल बुनकर ने बताया कि पांच स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. पर वहां कुछ भी नहीं मिला. आखिर अलाव को जमीन निगल गई या आसमान.