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पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे लोग, सूख चुके हैं जलस्त्रोत

सिंगरौली जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट गहराया हुआ है. लोग पानी की एक-एक बूंद के लिये तरस रहे हैं. कई इलाकों के जलस्त्रोत सूखने से पानी के लिये हाहाकार मचा है.

पानी की समस्या
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Published : Jun 24, 2019, 3:32 PM IST

सिंगरौली। सिंगरौली जिला देश में पानी और कोयले के क्षेत्र में अव्वल माना जाता है. प्री मानसून की दस्तक के बाद भी कई इलाकों में पानी की भारी समस्या बनी हुई है. इन इलाकों में हैंडपंप और बोरवेल सूख चुके हैं, जिससे यहां के रहवासी पानी की समस्या से परेशान हैं. लोग 1 किलोमीटर दूर दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं.

पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे लोग

गर्मी का महीना आते ही जलस्तर दिनोंदिन नीचे जाने से पुराने पेयजल स्रोत नाकाम साबित हो रहे हैं. प्रचंड गर्मी के चलते अधिकांश कुएं, हैंडपंप और बोरवेल सूखने लगे हैं. यही वजह है कि यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. कई गांव ऐसे हैं जहां 1 किलोमीटर से अधिक दूर से लोग पानी लाकर अपना गुजारा कर रहे हैं.

पचोर, बिलोजी, बैढ़न सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी की समस्या से वहां के रहवासी परेशान हैं. यहां के कुछ ही कुओं में पनी बचा है, जहां से लोग जान जोखिम में डालकर पानी लाने को मजबूर हैं. कुछ इलाके ऐसे हैं जहां के लोग पीने और नहाने के पानी के लिए हैंडपंप के भरोसे रहते थे, लेकिन अब हैंडपंप भी सूख गए हैं. लोग दूसरे गांव से पानी लाकर गुजारा करने को मजबूर हैं.


जलसंकट की समस्या पर जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि कुछ इलाकों मैं हैंडपंप सूख चुके हैं. उन हैंडपंपों में पाइप बढ़ाकर पानी का इंतजाम किया जा रहा है. बारिश के पहले कई जगहों पर तालाब बनाए जा रहे हैं, ताकि पानी को भविष्य के लिए संरक्षित किया जा सके.

सिंगरौली। सिंगरौली जिला देश में पानी और कोयले के क्षेत्र में अव्वल माना जाता है. प्री मानसून की दस्तक के बाद भी कई इलाकों में पानी की भारी समस्या बनी हुई है. इन इलाकों में हैंडपंप और बोरवेल सूख चुके हैं, जिससे यहां के रहवासी पानी की समस्या से परेशान हैं. लोग 1 किलोमीटर दूर दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं.

पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे लोग

गर्मी का महीना आते ही जलस्तर दिनोंदिन नीचे जाने से पुराने पेयजल स्रोत नाकाम साबित हो रहे हैं. प्रचंड गर्मी के चलते अधिकांश कुएं, हैंडपंप और बोरवेल सूखने लगे हैं. यही वजह है कि यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. कई गांव ऐसे हैं जहां 1 किलोमीटर से अधिक दूर से लोग पानी लाकर अपना गुजारा कर रहे हैं.

पचोर, बिलोजी, बैढ़न सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी की समस्या से वहां के रहवासी परेशान हैं. यहां के कुछ ही कुओं में पनी बचा है, जहां से लोग जान जोखिम में डालकर पानी लाने को मजबूर हैं. कुछ इलाके ऐसे हैं जहां के लोग पीने और नहाने के पानी के लिए हैंडपंप के भरोसे रहते थे, लेकिन अब हैंडपंप भी सूख गए हैं. लोग दूसरे गांव से पानी लाकर गुजारा करने को मजबूर हैं.


जलसंकट की समस्या पर जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि कुछ इलाकों मैं हैंडपंप सूख चुके हैं. उन हैंडपंपों में पाइप बढ़ाकर पानी का इंतजाम किया जा रहा है. बारिश के पहले कई जगहों पर तालाब बनाए जा रहे हैं, ताकि पानी को भविष्य के लिए संरक्षित किया जा सके.

Intro:सिंगरौली ऊर्जा धानी कहे जाने वाले जिले सिंगरौली को देश और प्रदेश में पानी और कोयले के क्षेत्र में अव्वल माना जाता है लेकिन जिले के कई इलाकों में पानी की भारी समस्या बनी हुई है इन इलाकों में हैंडपंप और बोरवेल सूख चुके हैं जिससे यहां के रहवासियों को पानी की समस्या से परेशान है इतना ही नहीं पानी की समस्या से परेशान इलाके के रहवासी 1 किलोमीटर दूर दूसरे गांव से पानी लेने को मजबूर है



वही आपको बता दें कि गर्मी का महीना आते ही जलस्तर दिनोंदिन नीचे जाने से पुरानी पेयजल सोत्र नाकाम साबित हो रहे हैं सिंगरौली जिले में प्रचंड गर्मी के चलते अधिकांश कुएं हैंडपंप और बोरवेल सूखने लगे हैं यही वजह है कि यहां के लोग पानी के लिए परेशान होना प रहा हैं कई गांव ऐसे हैं जहां 1 किलोमीटर से अधिक दूर से लोग पानी ला कर अपना गुजारा कर रहे हैं


Body:दरअसल सिंगरौली जिले के नगर पालिक निगम सिंगरौली के पचोर बिलोजी बैढ़न सहित कई इलाके ऐसे हैं जहां पानी की समस्या से वहां के रहवासी परेशान है इन इलाकों में हैंडपंप और बोरवेल सूख चुके हैं वहां के कुछ ही घरों में नाम मात्र के कुछ में पानी है जहां से लोग जान जोखिम में डालकर पानी लाने को मजबूर हैं कुछ इलाके ऐसे हैं जहां के लोग पीने और नहाने के पानी के लिए हैंडपंप के भरोसे ही रहते थे लेकिन अब हैंडपंप सूख गए हैं वह दूसरे गांव से पानी लाकर जीवन यापन करते हैं



वही जिला कलेक्टर kvs चौधरी का कहना है कि कुछ इलाकों मैं हैंडपंप सुख चुके हैं उन हैंडपंप में पाई बढ़ाकर पानी का इंतजाम किया जा रहा है और बरसा के पहले पहले कहीं जगह में तालाब बनाए जा रहे हैं ताकि बरसात में जल संरक्षण किया जा सके

बाइट जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी


Conclusion:
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