सिंगरौली। सिंगरौली जिला देश में पानी और कोयले के क्षेत्र में अव्वल माना जाता है. प्री मानसून की दस्तक के बाद भी कई इलाकों में पानी की भारी समस्या बनी हुई है. इन इलाकों में हैंडपंप और बोरवेल सूख चुके हैं, जिससे यहां के रहवासी पानी की समस्या से परेशान हैं. लोग 1 किलोमीटर दूर दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं.
गर्मी का महीना आते ही जलस्तर दिनोंदिन नीचे जाने से पुराने पेयजल स्रोत नाकाम साबित हो रहे हैं. प्रचंड गर्मी के चलते अधिकांश कुएं, हैंडपंप और बोरवेल सूखने लगे हैं. यही वजह है कि यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. कई गांव ऐसे हैं जहां 1 किलोमीटर से अधिक दूर से लोग पानी लाकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
पचोर, बिलोजी, बैढ़न सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी की समस्या से वहां के रहवासी परेशान हैं. यहां के कुछ ही कुओं में पनी बचा है, जहां से लोग जान जोखिम में डालकर पानी लाने को मजबूर हैं. कुछ इलाके ऐसे हैं जहां के लोग पीने और नहाने के पानी के लिए हैंडपंप के भरोसे रहते थे, लेकिन अब हैंडपंप भी सूख गए हैं. लोग दूसरे गांव से पानी लाकर गुजारा करने को मजबूर हैं.
जलसंकट की समस्या पर जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि कुछ इलाकों मैं हैंडपंप सूख चुके हैं. उन हैंडपंपों में पाइप बढ़ाकर पानी का इंतजाम किया जा रहा है. बारिश के पहले कई जगहों पर तालाब बनाए जा रहे हैं, ताकि पानी को भविष्य के लिए संरक्षित किया जा सके.