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सिंगरौली संयुक्त मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, रखी ये मांग

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Published : Sep 25, 2020, 12:06 PM IST

सिंगरौली संयुक्त मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ और देश की संपत्तियों का निजीकरण करने का विरोध किया है. जिसे लेकर सभी ने कलेक्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाल प्रदर्शन किया है. साथ ही राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.

Singrauli sanyukt morcha
सिंगरौली संयुक्त मोर्चा

सिंगरौली। संयुक्त मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ निजीकरण और देश की संपत्तियों को बेचने के खिलाफ महाजन मोड़ से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाल प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

निजीकरण का कर रहे विरोध

एटक के अशोक दुबे ने कहा कि केंद्र श्रमिक संगठनों के राष्ट्रीय संयुक्त मंच से 31 मार्च को अपनी बैठक में सरकार द्वारा कार्यकारी आदेशों और अध्यादेशों के माध्यम से श्रमिक अधिकार, कानूनों को दबाया और बदला गया है, संगठन ने बैंक समेत महत्वपूर्ण वित्तीय क्षेत्र, रेलवे, रक्षा, कोयला, इस्पात, पेट्रोलियम, बिजली सहित केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों को खत्म करने और उनके विनिवेशीकरण, निजीकरण करने और इन सभी क्षेत्रों में काम करने वाले परमानेंट कर्मचारियों की वेतन में कटौती करने का विरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि वीआरएस महंगाई भत्ता और पेंशन धारियों और महंगाई राशि को किया जाना और कृषि उत्पादन के व्यापार में जन विरोधी परिवर्तन करना बंद करें.

निजीकरण बंद करने की मांग

इस दौरान संजय नामदेव ने कहा कि सिंगरौली जिले में दर्जनों कंपनी होने के बावजूद भी यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, यहां के विस्थापित युवाओं को कंपनियों में किसी भी प्रकार से रोजगार नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि सभी के लिए निःशुल्क सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जाए. बैंक बीमा, रेलवे, रक्षा, कोयला, इस्पात, पेट्रोलियम आदि सहित केंद्र और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरणों का निजीकरण बंद किया जाए.

स्थानीय युवाओं को दी जाए नौकरी

उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और निजी क्षेत्र में आरक्षण दिया जाए, नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए और सिंगरौली जिले के स्थानीय युवाओं को जिले की कंपनियों में नौकरी दी जाए.

सिंगरौली। संयुक्त मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ निजीकरण और देश की संपत्तियों को बेचने के खिलाफ महाजन मोड़ से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाल प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

निजीकरण का कर रहे विरोध

एटक के अशोक दुबे ने कहा कि केंद्र श्रमिक संगठनों के राष्ट्रीय संयुक्त मंच से 31 मार्च को अपनी बैठक में सरकार द्वारा कार्यकारी आदेशों और अध्यादेशों के माध्यम से श्रमिक अधिकार, कानूनों को दबाया और बदला गया है, संगठन ने बैंक समेत महत्वपूर्ण वित्तीय क्षेत्र, रेलवे, रक्षा, कोयला, इस्पात, पेट्रोलियम, बिजली सहित केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों को खत्म करने और उनके विनिवेशीकरण, निजीकरण करने और इन सभी क्षेत्रों में काम करने वाले परमानेंट कर्मचारियों की वेतन में कटौती करने का विरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि वीआरएस महंगाई भत्ता और पेंशन धारियों और महंगाई राशि को किया जाना और कृषि उत्पादन के व्यापार में जन विरोधी परिवर्तन करना बंद करें.

निजीकरण बंद करने की मांग

इस दौरान संजय नामदेव ने कहा कि सिंगरौली जिले में दर्जनों कंपनी होने के बावजूद भी यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, यहां के विस्थापित युवाओं को कंपनियों में किसी भी प्रकार से रोजगार नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि सभी के लिए निःशुल्क सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जाए. बैंक बीमा, रेलवे, रक्षा, कोयला, इस्पात, पेट्रोलियम आदि सहित केंद्र और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरणों का निजीकरण बंद किया जाए.

स्थानीय युवाओं को दी जाए नौकरी

उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और निजी क्षेत्र में आरक्षण दिया जाए, नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए और सिंगरौली जिले के स्थानीय युवाओं को जिले की कंपनियों में नौकरी दी जाए.

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