सिंगरौली। मध्यप्रदेश में 'शहर सरकार' की तस्वीर साफ हो गई है. सबसे बड़ा उलटफेर सिंगरौली नगर निगम में हुआ है. सिंगरौली नगर निगम में जीत के जरिए एमपी की सियासत में आम आदमी पार्टी की एंट्री हो गई है. बता दें कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद प्रचार करने सिंगरौली पहुंचे थे. केजरीवाल के रोड शो में भारी भीड़ जुटी थी.(mp nikay chunav) इसे बीजेपी और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा था. सिंगरौली नगर निगम में AAP की मेयर प्रत्याशी रानी अग्रवाल जीत गई हैं. आप उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने 9352 वोट से जीत दर्ज की. उन्हें 34585 वोट मिले है, जबकि बीजेपी प्रत्याशी चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा को 25233 वोट मिले.
ब्राम्हणों की उपेक्षा: सियासी नजरिए से अगर देखा जाए तो सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की जीत होना कांग्रेस की अपेक्षा बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है. भाजपा की हार की वजह उम्मीदवार चयन में ब्राम्हणों की उपेक्षा होना भी कहा जा सकता है.(MP Urban Body Elections) जिसका सीधा फायदा रानी अग्रवाल को मिला है. आप के रानी की अगर बात की जाए तो वह चुनाव लड़ने की मंसा में नहीं थीं, लेकिन बीजेपी में जिस तरह टिकट को लेकर घमासान जारी था इससे उन्होंने मैदान में उतरने का मन बना लिया था. सिंगरौली नगरी निकाय चुनाव में बीजेपी के 24 पार्षद प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. (MP Nagar Nigam Election Results) 11 कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी के साथ आम आदमी पार्टी के 7 पार्षद प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. बहुजन समाज पार्टी के 2 पार्षद प्रत्याशी सहित 1 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.
सिंगरौली में जतीय समीकरण: सिंगरौली में ब्राह्मण वोटर्स 37 हजार हैं. ब्राह्मणों को बीजेपी और कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार नहीं बनाया गया. किसी ब्राह्मण को उम्मीदवार नहीं बनाने से नाराजगी साफ तौर पर जाहिर हो रही थी. इस बीच आप में शामिल हुई रानी अग्रवाल को आप ने महापौर प्रत्याशी बना दिया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब रोड शो करने पहुंचे तो कांग्रेस से स्तीफा देने वाले कुंदन पांडे ने रानी अग्रवान को समर्थन दे दिया. सिंगरौली में जतीय समीकरण की बात करें तो 37 हजार ब्राह्मण वोटर्स के साथ 35 हजार साहू हैं. यहां दलित 17 हजार, आदिवासी 15 हजार, कुशवाहा 15 हजार, मुस्लिम 12 हजार अन्य 12 हजार हैं.
रानी अग्रवाल का राजनीतिक सफर: रानी अग्रवाल साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंगरौली से विधायक का चुनाव भी लड़ी थीं. तब रानी को 32167 वोट मिले थे. वह दूसरे स्थान पर थीं. कांग्रेस उम्मीदवार रेणु शाह को 32980 वोट मिले थे. हालांकि बीजेपी के उम्मीदवार रामलल्लू वैश्य ने 36706 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. रानी अग्रवाल बरगवां ग्राम पंचायत से सरपंच रह चुकी हैं. इसके साथ ही वह वार्ड क्रमांक 3 से जिला पंचायत सदस्य भी चुनी गई थी. 1976 में जन्मीं रानी की शिक्षा बारहवीं तक है. उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम कर सबको चौका दिया था. तब उन्होंने आरोप लगाया था कि सिंगरौली में पार्टी चंद लोगों की गिरफ्त में है. उन्होंने कहा था कि उनकी चार पीढ़ियों ने BJP की सेवा की है, लेकिन उन्हें पार्टी से कोई बड़ी जवाबदारी नहीं मिली. आप की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का एलान किया था. उन्होंने सीएम शिवराज सिंह की योजनाओं को सिर्फ कागजों में चलने की बात कहीं थीं. नगर निकाय चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिंगरौली पहुंचकर रोड शो किया था और रानी को जिताने की अपील की थी.