सिंगरौली। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ाई का स्तर कैसा है अगर देखना है तो एमपी के सिंगरौली जिले के धतूरा गांव के पोखरा टोला के शासकीय प्राथमिक शाला में आइये. यहां पढ़ने के लिए बच्चे स्कूल आते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक ही स्कूल से नदारद रहते हैं. प्राथमिक शाला पोखरा टोला में पहली से पांचवी तक के बच्चों को खुद ही पढ़ना पड़ता है. इस स्कूल में एक शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन वह भी नदारत रहते हैं. पिछले 15 दिनों से स्कूल में ताला लटका है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड पर जाकर इसकी पड़ताल की तो स्कूल में ताला लटका मिला.
ग्रामीणों ने क्या बताया: ग्रामीणों ने बताया कि "पिछले 15 दिनों से इस स्कूल में ताला बंद है. स्कूल में एक शिक्षक है जो कभी-कभार स्कूल में आते हैं. ऐसे में बच्चें कैसे पढ़ेंगे. सरकार यदि स्कूल का नियमित संचालन नहीं कर पा रही है तो स्कूल बंद कर देना चाहिए. गांव के इंद्रजीत उपाध्याय ने बताया कि "स्कूल के शिक्षक बीएलओ का कार्य भी करते हैं, जिस वजह से स्कूल में आते ही नहीं हैं. यहां के प्राथमिक स्कूल में करीब 50 छात्र-छात्राएं अध्यन्नरत हैं, लेकिन शिक्षक के न आने की वजह से आधे से अधिक छात्र-छात्राएं दूसरे स्कूल का रुख कर लिये."
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एडीएम बोले-जांच कराने के बाद करेंगे कार्रवाई: इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सिंगरौली के अपर कलेक्टर अरविंद झा से बात किया तो उन्होंने कहा कि "इस मामले में जांच कराकर उचित कार्रवाई करेंगे. बीएलओ कार्य की जिम्मेदारी अगर मिली भी होगी तो भी स्कूल टाइमिंग के बाद ही उसे कर सकते हैं, क्योंकि उसका अतरिक्त भुगतान किया जाता है."