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Bal Ramayana सिंगरौली के युवक ने हिंदी में महज 190 पन्नों में लिखी बाल रामायण, जानें कैसे समेटा 7 कांड

सिंगरौली के रहने वाले पाणी पंकज पाण्डेय ने बाल रामायण पर एक किताब लिखी है, जो बहुत ही सरल भाषा में है. इसमें ऐसे विषयों को छूने की कोशिश की गई है, जो कठिन है. सरल हिंदी भाषा में इस ग्रंथ की रचना की गई है, ताकि लोग पढ़े और समझ सकें. (bal ramayana book in hindi) (singrauli man write bal ramayana in hindi)

singrauli man write bal ramayana in hindi
सिंगरौली के युवक ने हिंदी में लिखी बाल रामायण
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Published : Nov 1, 2022, 6:01 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 6:07 PM IST

सिंगरौली। कविताओं, लेखन की दुनिया में अपनी पहचान कायम करने वाले सिंगरौली के पाणी पंकज पाण्डेय ने रामकथा से जुड़े मिथकों, संकेतों और सवालों को एक नए तरीके से उठाया है. उनकी किताब “बाल रामायण” में बहुत से रूढ़ विषयों को अलग तरीके से छूने की कोशिश की गई है. पाणी पंकज पाण्डेय की पुस्तक में रामायण के सातों कांड को बहुत ही सरल तरीके से हिंदी भाषा में लिखा गया है. (bal ramayana book in hindi)

सरल हिंदी में बाल रामायण: पंकज ने बताया कि आधुनिक दौर में लोग भगवान श्रीराम और श्रीरामचरितमानस के आदर्शों से दूर होते जा रहे हैं. समाज में अब वेस्टर्न कल्चर हावी हो रहा है. वाल्मीकि रामायण संस्कृत में और श्रीरामचरितमानस अवधि में लिखी है. इसको लोग आसानी से नहीं समझ पाते हैं. इसलिए उन्होंने सरल हिंदी भाषा में इस ग्रंथ की रचना की गई है, ताकि लोग पढ़े और आसानी से इसके आदर्शों को समझ सकें.(singrauli man write bal ramayana in hindi)

हिंदी में बाल रामायण पुस्तक

लोभ से जीवन में आ रही परेशानी: वर्तमान युग चुनौतियों का युग है. शारीरिक व आत्मिक दृष्टि से, नैतिक चारित्रिक, सामाजिक, राजनीतिक, प्रत्येक स्तर पर चुनौतियां हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती मांग हमें कुछ सोचने के मार्ग पर रोड़ा अटका रही है, इसलिए हम मानसिक और आत्मिक तृप्ति नहीं पा रहें हैं. झूठ, रिश्वतखोरी, बेईमानी जीवन पद्धति में इस प्रकार से धुल-मिल गई हैं जैसे जीवन का एक अंग हो. लोभ और घमंड चरित्र की प्रमुखता बन गया है. इसके साथ ही संयुक्त परिवार व्यवस्था अपना मूल्य खो रही है. चारों ओर असुरक्षा का भाव जन्म ले रहा है.ऐसे में रामायण के आदर्श मनुष्य के चरित्र को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसलिए सरल भाषा में इस बाल रामायण की रचना की गई है.

हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में होगा निपुण बाल रामायण का मंचन, जानें क्या होगा खास

कौन है पाणी पंकज पाण्डेय: पाणी पंकज पाण्डेय नॉर्दन कोल फील्ड्स लिमिटेड के खड़िया परियोजना में प्रबंधक कार्मिक के पद पर कार्यरत हैं. वे सिंगरौली जिले के जयनगर जुवाड़ी गांव के रहने वाले हैं. 34 वर्षीय पंकज ने बताया कि इस ग्रंथ की रचना करने में 2 वर्ष 3 माह और 5 दिन का समय लगा. इस पुस्तक में 190 पन्ने हैं. इस पुस्तक में सरल सहज और हिंदी भाषा में श्रीराम की जीवन लीला व उनके आदर्शों को समाहित करने का प्रयास किया गया है. पुस्तक में कठिन लगने वाले शब्दों के अर्थ उसी पेज पर दिए गए हैं. इससे पुरानी हिंदी न समझने वालों को भी सुविधा होगी. पंकज 2016 में झड़ते मोती काव्य की रचना भी कर चुके हैं.(bal ramayana in hindi)

सिंगरौली। कविताओं, लेखन की दुनिया में अपनी पहचान कायम करने वाले सिंगरौली के पाणी पंकज पाण्डेय ने रामकथा से जुड़े मिथकों, संकेतों और सवालों को एक नए तरीके से उठाया है. उनकी किताब “बाल रामायण” में बहुत से रूढ़ विषयों को अलग तरीके से छूने की कोशिश की गई है. पाणी पंकज पाण्डेय की पुस्तक में रामायण के सातों कांड को बहुत ही सरल तरीके से हिंदी भाषा में लिखा गया है. (bal ramayana book in hindi)

सरल हिंदी में बाल रामायण: पंकज ने बताया कि आधुनिक दौर में लोग भगवान श्रीराम और श्रीरामचरितमानस के आदर्शों से दूर होते जा रहे हैं. समाज में अब वेस्टर्न कल्चर हावी हो रहा है. वाल्मीकि रामायण संस्कृत में और श्रीरामचरितमानस अवधि में लिखी है. इसको लोग आसानी से नहीं समझ पाते हैं. इसलिए उन्होंने सरल हिंदी भाषा में इस ग्रंथ की रचना की गई है, ताकि लोग पढ़े और आसानी से इसके आदर्शों को समझ सकें.(singrauli man write bal ramayana in hindi)

हिंदी में बाल रामायण पुस्तक

लोभ से जीवन में आ रही परेशानी: वर्तमान युग चुनौतियों का युग है. शारीरिक व आत्मिक दृष्टि से, नैतिक चारित्रिक, सामाजिक, राजनीतिक, प्रत्येक स्तर पर चुनौतियां हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती मांग हमें कुछ सोचने के मार्ग पर रोड़ा अटका रही है, इसलिए हम मानसिक और आत्मिक तृप्ति नहीं पा रहें हैं. झूठ, रिश्वतखोरी, बेईमानी जीवन पद्धति में इस प्रकार से धुल-मिल गई हैं जैसे जीवन का एक अंग हो. लोभ और घमंड चरित्र की प्रमुखता बन गया है. इसके साथ ही संयुक्त परिवार व्यवस्था अपना मूल्य खो रही है. चारों ओर असुरक्षा का भाव जन्म ले रहा है.ऐसे में रामायण के आदर्श मनुष्य के चरित्र को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसलिए सरल भाषा में इस बाल रामायण की रचना की गई है.

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कौन है पाणी पंकज पाण्डेय: पाणी पंकज पाण्डेय नॉर्दन कोल फील्ड्स लिमिटेड के खड़िया परियोजना में प्रबंधक कार्मिक के पद पर कार्यरत हैं. वे सिंगरौली जिले के जयनगर जुवाड़ी गांव के रहने वाले हैं. 34 वर्षीय पंकज ने बताया कि इस ग्रंथ की रचना करने में 2 वर्ष 3 माह और 5 दिन का समय लगा. इस पुस्तक में 190 पन्ने हैं. इस पुस्तक में सरल सहज और हिंदी भाषा में श्रीराम की जीवन लीला व उनके आदर्शों को समाहित करने का प्रयास किया गया है. पुस्तक में कठिन लगने वाले शब्दों के अर्थ उसी पेज पर दिए गए हैं. इससे पुरानी हिंदी न समझने वालों को भी सुविधा होगी. पंकज 2016 में झड़ते मोती काव्य की रचना भी कर चुके हैं.(bal ramayana in hindi)

Last Updated : Nov 1, 2022, 6:07 PM IST
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