सिंगरौली। प्रदेश की ऊर्जाधानी की शांत वादियों में अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे न केवल पुलिस की छवि खराब हो रही है, बल्कि इन सभी मामलों में राज्य सरकार और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा हो रहा है कि जिले में अपराध, पुलिस की सतर्कता के बाद भी क्यों पैर पसार रहा है. इस वर्ष अभी तक यानी 7 माह में 27 हत्या, 51 दुष्कर्म और 79 अपहरण की बड़ी वारदात हुई है. इन्हीं अपराधों की वजह से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है.
ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर ये बड़ी वारदातेंः हत्या, चोरी, गृहभेदन, सायबर ठगी, जमीनी विवाद, दुष्कर्म व अपहरण.
गंभीर अपराधों की संख्या
- अपहरण- 79
- दुष्कर्म- 51
- गृहभेदन- 42
- शीलभंग - 32
- हत्या- 27
जागरूकता का अभावः कोई भी व्यक्ति खौफनाक कदम तब उठाता है, जब उसमें सहनशीलता व जागरूता का अभाव रहता है. जनता के बीच पहुंचकर उन्हें अपराध नहीं करने को लेकर जागरूक करना जरूरी है. वर्तमान में हुए अपराध को देखा जाए तो मामूली बात को लेकर शुरू हुआ विवाद हत्या तक पहुंच गया. ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति ज्यादा खराब है, यहां लोग जरा सी बात पर अपनों का कत्ल कर दे रहे हैं.
अपराध रोकने के लिए ये कदम जरूरी
- गांवों में हो रही अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए.
- जमीनी विवाद को राजस्व विभाग व पुलिस गांवों में शिविर लगाकर सुलझाए.
- छोटी-छोटी बातों को नजरअदांज करने की समझाइश जनता को दें.
- जनता के बीच पुलिस संवाद कर अपराध से दूर रहने की सलाह दें.
- गांवाें में पहुंचकर महिला अपराध के बारे में लोगों को बारीकी से बताएं.
एक जनवरी से 15 जुलाई तक गंभीर अपराधों की स्थितिः इस मामले में सिंगरौली जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा ने कहा कि, ''सभी थाना क्षेत्रों की अपराध समीक्षा की जाती है, जहां गंभीर अपराधों में वृद्धि हुई है. वहां के थाना प्रभारियों को अपराध पर अंकुश लगाने व कार्रवाई करने की सख्त हिदायत दी जाती है. थानेदारों को गंभीर अपराध कम करने के लिए निर्देशित किया गया है.'' अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा, ''लोगों को जागरुक करने के लिए पुलिस टीम के द्वारा शिविर लगा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे मामलों को समझाइश के जरिए सुलझाया जा सके.''