सिंगरौली। जिले में रिलायंस पॉवर प्लांट में करीब 10 साल पहले कई लोगों की जमीन खरीदी थी और कुछ मुआवजा देकर उन्हें आजीवन भत्ता देने की बात कही थी. लेकिन पिछले करीब चार महीने से ज्यादा समय से रिलायंस विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रहा है. साथ ही जिन लोगों को रिलायंस पॉवर प्लांट में नौकरी दी गई थी. उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया है.
विस्थापित किये गये लोग मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे. लोगों ने कलेक्टर से शिकायत कर हर महीने भत्ता मिलने की मांग की. पीड़ितों का आरोप है कि कई बार रिलायंस के उच्च अधिकारियों से बातचीत की उसके बावजूद भी अभी तक भत्ता नहीं दिया गया है. जबकि रिलायंस ने लोगों की जमीन लेते समय करार किया था कि उन्हें हर महीने भत्ता दिया जाएगा. लेकिन करार के बावजूद अब रिलायंस भत्ता और नौकरी देने से मना कर रहा है.
विस्थापितों का कहना है कि चार महीने से भत्ता नहीं मिलने की वजह से उनकी रोजी-रोटी नहीं चल पा रही है. यहां तक कि वह अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी नहीं करा पा रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश की प्राइवेट कंपनियों में 75% क्षेत्रीय लोगों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रिलायंस जैसी बढ़ी प्राइवेट कंपनी अपनी मनमानी कर रही हैं.