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विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रही रिलायंस कंपनी, लोगों ने कलेक्टर से लगाई गुहार - reliance not giving allowance to displaced in singrauli

सिंगरौली में विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रही रिलायंस कंपनी. रिलायंस पावर प्लांट में करीब 10 साल पहले कई लोगों की जमीन ली गयी थी. उन्हें कुछ मुआवजा देकर आजीवन भत्ता देने की बात कही थी.

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Published : Jul 27, 2019, 7:42 PM IST

सिंगरौली। जिले में रिलायंस पॉवर प्लांट में करीब 10 साल पहले कई लोगों की जमीन खरीदी थी और कुछ मुआवजा देकर उन्हें आजीवन भत्ता देने की बात कही थी. लेकिन पिछले करीब चार महीने से ज्यादा समय से रिलायंस विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रहा है. साथ ही जिन लोगों को रिलायंस पॉवर प्लांट में नौकरी दी गई थी. उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया है.

विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रही रिलायंस कंपनी

विस्थापित किये गये लोग मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे. लोगों ने कलेक्टर से शिकायत कर हर महीने भत्ता मिलने की मांग की. पीड़ितों का आरोप है कि कई बार रिलायंस के उच्च अधिकारियों से बातचीत की उसके बावजूद भी अभी तक भत्ता नहीं दिया गया है. जबकि रिलायंस ने लोगों की जमीन लेते समय करार किया था कि उन्हें हर महीने भत्ता दिया जाएगा. लेकिन करार के बावजूद अब रिलायंस भत्ता और नौकरी देने से मना कर रहा है.

विस्थापितों का कहना है कि चार महीने से भत्ता नहीं मिलने की वजह से उनकी रोजी-रोटी नहीं चल पा रही है. यहां तक कि वह अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी नहीं करा पा रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश की प्राइवेट कंपनियों में 75% क्षेत्रीय लोगों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रिलायंस जैसी बढ़ी प्राइवेट कंपनी अपनी मनमानी कर रही हैं.

सिंगरौली। जिले में रिलायंस पॉवर प्लांट में करीब 10 साल पहले कई लोगों की जमीन खरीदी थी और कुछ मुआवजा देकर उन्हें आजीवन भत्ता देने की बात कही थी. लेकिन पिछले करीब चार महीने से ज्यादा समय से रिलायंस विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रहा है. साथ ही जिन लोगों को रिलायंस पॉवर प्लांट में नौकरी दी गई थी. उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया है.

विस्थापितों को भत्ता नहीं दे रही रिलायंस कंपनी

विस्थापित किये गये लोग मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे. लोगों ने कलेक्टर से शिकायत कर हर महीने भत्ता मिलने की मांग की. पीड़ितों का आरोप है कि कई बार रिलायंस के उच्च अधिकारियों से बातचीत की उसके बावजूद भी अभी तक भत्ता नहीं दिया गया है. जबकि रिलायंस ने लोगों की जमीन लेते समय करार किया था कि उन्हें हर महीने भत्ता दिया जाएगा. लेकिन करार के बावजूद अब रिलायंस भत्ता और नौकरी देने से मना कर रहा है.

विस्थापितों का कहना है कि चार महीने से भत्ता नहीं मिलने की वजह से उनकी रोजी-रोटी नहीं चल पा रही है. यहां तक कि वह अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी नहीं करा पा रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश की प्राइवेट कंपनियों में 75% क्षेत्रीय लोगों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रिलायंस जैसी बढ़ी प्राइवेट कंपनी अपनी मनमानी कर रही हैं.

Intro:सिंगरौली जिले के विस्थापित प्राइवेट कंपनियों में नौकरी और भत्ते के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं एक तरफ तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश के प्राइवेट कंपनियों में 75% क्षेत्रीय लोगों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिले के लोगो की कंपनियां जमीन भी ले ली और करीब 4 महीने से लोगों को बता देना बंद कर दिया इतना ही नहीं जो कंपनी में नौकरी कर रहे थे उन्हें रिलायंस पावर प्लांट से बाहर कर दिया गया


Body:दरअसल सिंगरोली जिले में रिलायंस पावर प्लांट में करीब 10 साल पहले कई लोगों की जमीन लिया है और कुछ मुआवजा देकर उन्हें आजीवन भत्ता देने की बात कही थी लेकिन करीब 4 महीने से ज्यादा विस्थापितों को भत्ते के नाम पर कुछ भी नहीं दे रहा है विस्थापितों का कहना है कि करीब 4 महीने से reliance लोगों को भक्ता देना बंद कर दिया जिससे उनकी रोजी रोटी नहीं चल पा रही है यहां तक कि उनकी बच्चों के स्कूल में एडमिशन भी नहीं हो पा रहे है


जिले के विस्थापित कलेक्टर कार्यालय शिकायत करने पहुंचे और कलेक्टर से शिकायत कर हर महीने भत्ता मिलने की बात कही है पीड़ितों का आरोप है कि कई बार रिलायंस के उच्च अधिकारियों से बातचीत भी की जिसके बावजूद दी है अभी तक भत्ता नहीं दिया गया जबकि रिलायंस लोगों की जमीन लेते समय वह करार किया था कि उन्हें भता हर महीने दिया जाएगा लेकिन इन सबके बावजूद रिलायंस भत्ता और नौकरी देने से मना कर रहा है और करीब 4 महीने से घटाने नहीं मिला है

इतना ही नहीं उनका अधिकार उसकी रिलायंस पावर प्लांट में काम कर रहे विस्थापित लोगों को रिलायंस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन सेनिया की गुहार लगाती हुए भक्ति और नौकरी निपुण देने की मांग की है





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