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NCL से निकलने वाले प्रदूषण से स्थानीय परेशान, जिम्मेदार दे रहे सिर्फ आश्वासन - Lung disease due to coal seams

सिंगरौली जिले के लोग NCL से निकलने वाले धुंए से परेशान हैं. कंपनी से निकलने वाला कोयले का धुंआ स्थानीय निवासियों के गले में जमने से बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. कलेक्टर ने कहा कि प्रदूषण को दूर करने का उपाय कर किए जा रहे हैं.

People are upset with the smoke of NCL
NCL के धुंए से लोग परेशान
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Published : Mar 19, 2020, 8:24 AM IST

Updated : Mar 19, 2020, 9:33 AM IST

सिंगरौली। जिले के निवासी प्रदूषण की मार झेलने को मजबूर हैं. स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से मामले की कई बार शिकायत की, फिर भी नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए. दिल्ली में पोल्यूशन बढ़ने से लोग सड़कों पर आ जाते हैं, लेकिन सिंगरौली जिले में दिल्ली से कहीं ज्यादा पॉल्यूशन है. यहां कोयले की राख लोगों के फेफड़े में जमा होने से कई बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है.

NCL के धुंए से लोग परेशान

दरअसल सिंगरौली जिले को नर्क बनाने में NCL कोई कमी नहीं छोड़ रहा है. सिर्फ कागजों में 100 पर्सेंट हेल्दी एनवायरमेंट की बातें कहकर NCL अपना पल्ला झाड़ लेता है. असल में कहानी इसके बिल्कुल विपरीत है, जिले में पॉल्यूशन दमघोटू साबित हो रहा है. शिकायतों के बाद NGT ने मामले को लेकर संज्ञान लिया, लेकिन कारगर कार्रवाई नहीं कर पा रही है.

बता दें कि NCL सीएसआर फंड के जरिए पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है, जो सिर्फ कागजों तक सीमित होता है. कलेक्टर खुद पॉल्यूशन की बात स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने का प्रयास किया जा रहे है.

सिंगरौली। जिले के निवासी प्रदूषण की मार झेलने को मजबूर हैं. स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से मामले की कई बार शिकायत की, फिर भी नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए. दिल्ली में पोल्यूशन बढ़ने से लोग सड़कों पर आ जाते हैं, लेकिन सिंगरौली जिले में दिल्ली से कहीं ज्यादा पॉल्यूशन है. यहां कोयले की राख लोगों के फेफड़े में जमा होने से कई बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है.

NCL के धुंए से लोग परेशान

दरअसल सिंगरौली जिले को नर्क बनाने में NCL कोई कमी नहीं छोड़ रहा है. सिर्फ कागजों में 100 पर्सेंट हेल्दी एनवायरमेंट की बातें कहकर NCL अपना पल्ला झाड़ लेता है. असल में कहानी इसके बिल्कुल विपरीत है, जिले में पॉल्यूशन दमघोटू साबित हो रहा है. शिकायतों के बाद NGT ने मामले को लेकर संज्ञान लिया, लेकिन कारगर कार्रवाई नहीं कर पा रही है.

बता दें कि NCL सीएसआर फंड के जरिए पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है, जो सिर्फ कागजों तक सीमित होता है. कलेक्टर खुद पॉल्यूशन की बात स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने का प्रयास किया जा रहे है.

Last Updated : Mar 19, 2020, 9:33 AM IST
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