सिंगरौली/मुरैना। संविदा बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से गांवों मे बिजली की आपूर्ति बंद है. बीते दो दिनों से जिले के खैराही, सहोखर,नगवां, करसुआ, सहित कई गांव अंधेरे में डूब गये हैं. जिस वजह से किसानों के साथ आम आदमी भी परेशान हैं. बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों ने कहा कि नियमितीकरण सहित ठेका कर्मचारियों का पॉलिसी बनाकर संविलियन किया जाए. साथ ही 20 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी 21 जनवरी से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
सरकार के खिलाफ रोष : चार दिनों के बाद भी सरकार की तरफ से मांगों के संबंध में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक सरकार की ओर से समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हम कई वर्षों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. हमारी मांगों पर प्रभावी कार्रवाई न किए जाने पर संविदा कर्मचारी संघ ने 21 जनवरी से बिजली विभाग कार्यालय के सामने को अनिश्चित कालीन हड़ताल का फैसला लिया है. इस मामले में कलेक्टर ने अरुण परमार ने कहा कि दो दिन से बिजली की आपूर्ति कई गांवों में बाधित है. जल्द ही सप्लाई चालू करा दी जायेगी.
MP में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदा कर्मी, कहीं कराया मुंडन तो कहीं खून से लिखा पत्र
मुरैना में भी बिजली कर्मी हड़ताल पर : मुरैना जिले में भी विद्युत वितरण कंपनी के आउटसोर्स और सविंदा कर्मचारी अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर बिजली घर परिसर में अनिश्चितकालीन के लिए सामूहिक हड़ताल पर बैठे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा करे. कर्मचारियों ने शहर में ब्लैकआउट की चेतावनी भी दी है. बता दें कि 23 जनवरी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मांगों को पूरा कराने का अल्टीमेटम दिया गया था. लेकिन सरकार ने बिजली कर्मचारियों की मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया. मध्यप्रदेश विद्युत अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ, मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन, मध्यप्रदेश बाहयश्रोत विद्युत कर्मचारी संगठन, मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल तकनीकी कर्मचारी संगठन के नेतृत्व में कर्मचारी कार्य का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं.