ETV Bharat / state

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा, इस तरह साधना करने से मिलता है खास लाभ

नवरात्री के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की साधना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले उपासक को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान मिलता है. मान्‍यता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना साधक को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है.

नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्र घंटा की उपासना
author img

By

Published : Oct 1, 2019, 1:24 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:04 AM IST

सिंगरौली। नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि चंद्रघंटा मां अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं, इसीलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है.

नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्र घंटा की उपासना

मां चंद्र घंटा के रुप की अगर बात कि जाए तो दस भुजाओं वाली माता अलग-अलग हाथों मे शास्त्र धारण की रहती हैं. उनकी आराधना करने वाले का अहंकार नष्ट होता है. साथ ही शांति और वैभव की भी प्राप्ति होती है.

शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए ओम की सभी बाधाएं नष्ट हो जाती हैं. मां चंद्र घंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है. इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है.

इस तरह करें मां को प्रशन्न

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. पूजा करते वक्त घंटी जरूर बजाएं. क्योंकि मां चंद्रघंटा की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है.

सिंगरौली। नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि चंद्रघंटा मां अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं, इसीलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है.

नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्र घंटा की उपासना

मां चंद्र घंटा के रुप की अगर बात कि जाए तो दस भुजाओं वाली माता अलग-अलग हाथों मे शास्त्र धारण की रहती हैं. उनकी आराधना करने वाले का अहंकार नष्ट होता है. साथ ही शांति और वैभव की भी प्राप्ति होती है.

शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए ओम की सभी बाधाएं नष्ट हो जाती हैं. मां चंद्र घंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है. इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है.

इस तरह करें मां को प्रशन्न

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. पूजा करते वक्त घंटी जरूर बजाएं. क्योंकि मां चंद्रघंटा की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है.

Intro:सिंगरौली आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है मां चंद्रघंटा का रूप बहुत ही सौम्य है मां को सुगंध प्रिय होता है पंडितों की माने तो इस दिन मां सिंह पर सवार होती है और 10 भुजाओं वाली माता चंद्रघंटा अलग-अलग हाथों में अलग-अलग शास्त्र धारण की रहती हैं कहते हैं कि मां चंद्रघंटा की आराधना करने वाले का अहंकार नष्ट होता है और उसको शो में शांति और वैभव की प्राप्ति होती ह
Body:शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। और शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए ओम की सभी बाधाएं नष्ट हो जाते हैं तेघंटा की पूजा अर्चना से मां भक्तों को सभी पाप हर लेती ह। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा सिंह पर विराजती हैं। मां चंद्रघंटा देवी का स्वरूप सोने के समान कांतिवान है। देवी मां की दस भुजाएं हैं और दसों हाथों में खड्ग, बाण है। मां चंद्रघंटा के गले में लाल फूलों की माला रहती है।


मां चंद्रघंटा का पूजा अर्चना में साफ सफाई और विधि विधान से करना चाहिए अगर पंडित से पूजा करवा रहे हैं तो उन्हें पूजा के बाद दक्षिणा देकर पैर पड़ना चाहिए ताकि जीवन में सुख व सौम्यता आ सकें।Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 2:04 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.