ETV Bharat / state

मां कात्‍यायनी को समर्पित है नवरात्रि का छठा दिन, जानें पूजा विधि

फिलहाल नवरात्रि चल रही है. नौ दिनों तक मां जगदम्बा के अलग-अलग रुपों की पूजा होती है. छटें दिन की बात करें तो आज मां दुर्गा के कात्यायनी रुप की उपासना की जाती है. विधि विधान से पूजा करने पर भक्तों की मनोकामनाएं मां दुर्गा पूरी करती हैं.

नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें पूजा
author img

By

Published : Oct 4, 2019, 3:54 AM IST

Updated : Oct 4, 2019, 6:39 AM IST

सिंगरौली। शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन दुर्गा मां के कात्यायनी रुप की पूजा कि जाती है. माना जाता है कि कात्यायनी देवी का रूप बेहद सरल और सौम्य होता है. विधि विधान से पूजा करने पर मनोवांधित वर मिलता है. पंडित बताते हैं कि मां कात्यायनी देवी अर्थ धर्म काम मोक्ष प्रदान करती हैं.

नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें पूजा

हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार कात्या नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि हुआ करते थे. उनकी इच्छा थी उनके घर मां भगवती पुत्री के रुप में जन्म लें, जिसके लिए महर्षि ने बहुत सालों तक कठिन तपस्या करते हुए मां भगवती की उपासना की. जिसके बाद प्रसन्न होकर मां भगवती ने पुत्री के रुप में महर्षि कात्यायन के यहां जन्म लिया. यही वजह है कि उनका नाम कात्यायनी पड़ा.

ऐसे करे मां कि पूजा
लाल वस्त्र बिछाकर मां कि स्थापना करें, साथ ही लाल पुष्प के साथ सभी प्रकार के फल फूल का भोग लगाएं. मां कि विधि-विधान से पूजा करने से सारी मनोकांमना पूरी होने के साथ धन-धान की प्राप्ति भी होती है. इसके अलावा जीवन में खुशहाली भी बनी रहती है.

सिंगरौली। शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन दुर्गा मां के कात्यायनी रुप की पूजा कि जाती है. माना जाता है कि कात्यायनी देवी का रूप बेहद सरल और सौम्य होता है. विधि विधान से पूजा करने पर मनोवांधित वर मिलता है. पंडित बताते हैं कि मां कात्यायनी देवी अर्थ धर्म काम मोक्ष प्रदान करती हैं.

नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें पूजा

हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार कात्या नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि हुआ करते थे. उनकी इच्छा थी उनके घर मां भगवती पुत्री के रुप में जन्म लें, जिसके लिए महर्षि ने बहुत सालों तक कठिन तपस्या करते हुए मां भगवती की उपासना की. जिसके बाद प्रसन्न होकर मां भगवती ने पुत्री के रुप में महर्षि कात्यायन के यहां जन्म लिया. यही वजह है कि उनका नाम कात्यायनी पड़ा.

ऐसे करे मां कि पूजा
लाल वस्त्र बिछाकर मां कि स्थापना करें, साथ ही लाल पुष्प के साथ सभी प्रकार के फल फूल का भोग लगाएं. मां कि विधि-विधान से पूजा करने से सारी मनोकांमना पूरी होने के साथ धन-धान की प्राप्ति भी होती है. इसके अलावा जीवन में खुशहाली भी बनी रहती है.

Intro:सिंगरौली शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी देवी की पूजा अर्चना की जाती है इस पावन अवसर पर छठवें दिन अर्थ धर्म काम मोक्ष प्रदान करने वाली कात्यायनी देवी का पूजा विधि विधान से करना चाहिए ताकि मां प्रसन्न होकर मनोवांछित वर दे का छठवां दिन हैं हर दिन की तरह आज कात्यायनी मां का पूजा अर्चना का भी विशेष महत्व होता है Body:कहा जाता है कि कात्यायनी देवी का रूप बेहद सरल और सौम्य होता है और मां का सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं इस रूप का महिला पुरुष बच्चे सभी लोग पूजा-अर्चना करते हैं मां की पूजा अर्चना से धन धन की प्राप्ति के साथ जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है

हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार पंडित बताते हैं की कात्या नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि थे उनके पुत्र ऋषि खाते हुए इन्हीं कार्तिक के गोत्र में विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे इन्होंने भगवती की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक कठिन तपस्या की और उनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म ले जिसके बाद मां भगवती ने यह प्रार्थना स्वीकार कर ली और मां का नाम कात्यायनी पड़ा ।मां का पूजा पाठ करने के लिए लाल वस्त्र बिछाकर लाल पुष्प के साथ सभी प्रकार के फल फूल भोग लगाने के साथ विधि विधान के साथ करना चाहिए
बाईट शास्त्री पिएन मिश्राConclusion:
Last Updated : Oct 4, 2019, 6:39 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.