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सिंगरौली: उप स्वास्थ्य केंद्र सालों से है बंद, तीन साल बाद भी नहीं हुई डॉक्टर की तैनाती - डॉक्टर्स

हर्रहवा उप स्वास्थ्य केंद्र में न तो डॉक्टर हैं और नहीं कोई दूसरा स्टाफ. यही वजह है कि स्थानीय लोगों को इलाज के लिए सिंगरौली के बैढ़न स्थित जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है.

उप स्वास्थ्य केंद्र
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Published : May 9, 2019, 4:17 AM IST

सिंगरौली। प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के दुरुस्त होने का दावा करती हो लेकिन सिंगरौली में लोगों को इलाज समय पर नहीं मिल पा रहा है. जिले के हर्रहवा गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र बनकर तो तैयार तो हो गया लेकिन उसमें अब तक डॉक्टर की तैनाती नहीं की गयी है.

उप स्वास्थ्य केंद्र में न तो डॉक्टर हैं और नहीं कोई दूसरा स्टाफ. यही वजह है कि स्थानीय लोगों को इलाज के लिए सिंगरौली के बैढ़न स्थित जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है. ऐसे में अगर किसी की अचानक तबीयत बिगड़ती है तो उसे जिला अस्पताल ले जाने पर ही इलाज मिल पाएगा.

सिंगरौली: उप स्वास्थ्य केंद्र सालों से है बंद

ग्रामीण बताते हैं कि गांव में कई सालों पहले उप स्वास्थ्य की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है. इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में अभी तक कोई भी डॉक्टर सेवाएं देने के लिए मौजूद नहीं है. आलम यह है कि तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी लोगों को इलाज के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

स्थानीय निवासी बाबूलाल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की पद स्थापना के लिए उच्च अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है. यही वजह है कि हालत जस के तस हैं और ग्रामीण परेशान हो रहे हैं.

सिंगरौली। प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के दुरुस्त होने का दावा करती हो लेकिन सिंगरौली में लोगों को इलाज समय पर नहीं मिल पा रहा है. जिले के हर्रहवा गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र बनकर तो तैयार तो हो गया लेकिन उसमें अब तक डॉक्टर की तैनाती नहीं की गयी है.

उप स्वास्थ्य केंद्र में न तो डॉक्टर हैं और नहीं कोई दूसरा स्टाफ. यही वजह है कि स्थानीय लोगों को इलाज के लिए सिंगरौली के बैढ़न स्थित जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है. ऐसे में अगर किसी की अचानक तबीयत बिगड़ती है तो उसे जिला अस्पताल ले जाने पर ही इलाज मिल पाएगा.

सिंगरौली: उप स्वास्थ्य केंद्र सालों से है बंद

ग्रामीण बताते हैं कि गांव में कई सालों पहले उप स्वास्थ्य की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है. इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में अभी तक कोई भी डॉक्टर सेवाएं देने के लिए मौजूद नहीं है. आलम यह है कि तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी लोगों को इलाज के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

स्थानीय निवासी बाबूलाल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की पद स्थापना के लिए उच्च अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है. यही वजह है कि हालत जस के तस हैं और ग्रामीण परेशान हो रहे हैं.

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