सिंगरौली। मध्यप्रदेश सरकार भले ही आम जनता और किसानों के साथ होने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मामला सिंगरौली जिले के पचौर का है, जहां करीब 70 सालों से बसे रहवासियों को सरकार पट्टा नहीं दे पा रही है. लोगों का कहना है कि कई बार जनसुनवाई में आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ना ही इंदिरा आवास जैसी सरकार की योजनाओं का उन्हें लाभ मिल पा रहा है. जिसके चलते रहवासियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमीन का मालिकाना हक दिलाने की मांग की है.
दरअसल जिले के पचौर क्षेत्र में करीब 70 सालों से केवट जाति के लोग बसे हुए हैं. सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों से कई बार गुहार लगाने के बाद भी उन्हें जमीन का पट्टा नहीं मिल पाया है. यही वजह है कि केवट समुदाय के तमाम लोग लंबे समय से परेशान का सामना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान और उनकी जमीनों पर उनका मालिकाना हक मुहैया कराए.
वहीं मामले में कलेक्टर का कहना है कि अभी किसी को भी वहां से नहीं हटाया जा रहा है, किसी को बेदखल नहीं किया जा रहा है. रहवासियों की मांग है कि उनकों पट्टा मिलना चाहिए. शहरी क्षेत्र में कुछ नियमों के तहत पट्टा दिया जाता है, जिसके लिए पात्रता परीक्षण किया जाएगा. उसके बाद उनकी मांगों पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी उनका लाभ दिया जाएगा.