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सभी दलों ने एकसाथ की मांग, रिलायंस पावर प्लांट के एश डैम हादसे की हो निष्पक्ष जांच

सिंगरौली में रिलायंस पावर एमपी लिमिटेड में हुए एश डैम हादसे में कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिस पर कांग्रेस, बीजेपी और सपाक्स नेताओं ने आपत्ति दर्ज की है.

order of magesterial investigation in reliance ash dam collapse
एश डैम हादसे में हो न्यायिक जांच
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Published : Apr 23, 2020, 5:19 PM IST

सिंगरौली। रिलायंस पावर एमपी लिमिटेड में हुए एश डैम हादसे में कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के लिए आदेश दिए हैं, जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरिश द्विवेदी, कांग्रेस के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और सपाक्स के प्रवीण शुक्ला ने सवाल उठाए हैं. इन सबका कहना है कि इस मामले में मजिस्ट्रियल नहीं बल्कि निष्पक्ष न्यायिक जांच हो.

जानें मामला- रिलायंस पावर प्लांट का ऐश डैम टूटने से कई लोग मलबे में दबे, कमलनाथ ने की जांच की मांग

रिलायंस पावर प्लांट के ऐश डैम टूटने से 6 से ज्यादा लोगों की हादसे में मौत हो गई थी, जिसको लेकर जिला कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. बता दें, न्यायिक जांच न्यायाधीश द्वारा की जाती है जबकि मजिस्ट्रियल जांच SDM या ADM (अपर कलेक्टर) रैंक के अधिकारी करते हैं.

ये भी पढ़ें- रिलायंस पावर प्लांट का एश डैम टूटने पर कमलनाथ ने उठाए सवाल, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
बीजेपी, कांग्रेस और सपाक्स के नेताओं का कहना है कि सिंगरौली जिले में स्थापित औद्योगिक दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और यह न्यायिक जांच से ही संभव हो सकता है. लिहाजा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सब एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं.

सिंगरौली। रिलायंस पावर एमपी लिमिटेड में हुए एश डैम हादसे में कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के लिए आदेश दिए हैं, जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरिश द्विवेदी, कांग्रेस के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और सपाक्स के प्रवीण शुक्ला ने सवाल उठाए हैं. इन सबका कहना है कि इस मामले में मजिस्ट्रियल नहीं बल्कि निष्पक्ष न्यायिक जांच हो.

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रिलायंस पावर प्लांट के ऐश डैम टूटने से 6 से ज्यादा लोगों की हादसे में मौत हो गई थी, जिसको लेकर जिला कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. बता दें, न्यायिक जांच न्यायाधीश द्वारा की जाती है जबकि मजिस्ट्रियल जांच SDM या ADM (अपर कलेक्टर) रैंक के अधिकारी करते हैं.

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बीजेपी, कांग्रेस और सपाक्स के नेताओं का कहना है कि सिंगरौली जिले में स्थापित औद्योगिक दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और यह न्यायिक जांच से ही संभव हो सकता है. लिहाजा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सब एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं.

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