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सिंगरौली: NCL के GM ऑफिस का घेराव, रोजगार की मांग - सिंगरौली स्थित NCL ऑफिस

सिंगरौली स्थित NCL ऑफिस का घेराव करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों को राजगार देने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, साथ ही कंपनी प्रबंधन को मांग नहीं मानने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

employment for local residents
रोजगार देने की मांग
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Published : Nov 11, 2020, 8:37 AM IST

Updated : Nov 11, 2020, 8:45 AM IST

सिंगरौली। सिंगरौली स्थित NCL ऑफिस का घेराव करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों को राजगार देने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, साथ ही कंपनी प्रबंधन को मांग नहीं मानने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. ये घेराव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी संजय नामदेव और अरुण देव पांडे के नेतृत्व में किया गया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि, गोरबी ब्लाक की परियोजना में नीलकंठ कंपनी मजदूरों की भर्ती में मनमानी कर रही है.

employment for local residents
जीएम ऑफिस का घेराव किया

लोगों का आरोप है कि, 'प्रदेश सरकार ने 70 फीसदी स्थानीय युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन स्थानीय बेरोजगार युवाओं को दरकिनार कर कंपनी बिहार, झारखंड, उड़ीसा और तमाम बाहरी शहर के लोगों को नौकरी दे रही है'. NCL गोरबी ब्लाक बी परियोजना के तहत सैकड़ों लोगों की जमीन को एनसीएल ब्लाक परियोजना ने अधिग्रहित कर लिया है. जिसके लिए कहा गया था कि, बेरोजगारों को नौकरी भी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- सिंगरौली में NCL के कर्मचारियों ने भारत सरकार की नीतियों का किया विरोध

जानकारी के मुताबिक बड़े पैमाने पर नेता और NCL के अधिकारी पैसों का लेनदेन कर बाहरी लोगों को नौकरी दे रहे हैं, जिस कारण स्थानीय युवाओं में काफी आक्रोश और नाराजगी है.

किया था नीतियों का विरोध

हाल ही में NCL कर्मियों ने भारत सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था. कर्मचारियों की मांग थी कि, स्थाई लोगों को रोजगार दिलाया जाए. वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार द्वारा एक नीति बनाई जा रही है, जिसमें 30 साल सर्विस या 50 साल उम्र वालों को सेवानिवृत्त किया जाएगा. इसी के विरोध में एनसीएल कर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया था.

सिंगरौली। सिंगरौली स्थित NCL ऑफिस का घेराव करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों को राजगार देने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, साथ ही कंपनी प्रबंधन को मांग नहीं मानने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. ये घेराव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी संजय नामदेव और अरुण देव पांडे के नेतृत्व में किया गया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि, गोरबी ब्लाक की परियोजना में नीलकंठ कंपनी मजदूरों की भर्ती में मनमानी कर रही है.

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जीएम ऑफिस का घेराव किया

लोगों का आरोप है कि, 'प्रदेश सरकार ने 70 फीसदी स्थानीय युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन स्थानीय बेरोजगार युवाओं को दरकिनार कर कंपनी बिहार, झारखंड, उड़ीसा और तमाम बाहरी शहर के लोगों को नौकरी दे रही है'. NCL गोरबी ब्लाक बी परियोजना के तहत सैकड़ों लोगों की जमीन को एनसीएल ब्लाक परियोजना ने अधिग्रहित कर लिया है. जिसके लिए कहा गया था कि, बेरोजगारों को नौकरी भी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- सिंगरौली में NCL के कर्मचारियों ने भारत सरकार की नीतियों का किया विरोध

जानकारी के मुताबिक बड़े पैमाने पर नेता और NCL के अधिकारी पैसों का लेनदेन कर बाहरी लोगों को नौकरी दे रहे हैं, जिस कारण स्थानीय युवाओं में काफी आक्रोश और नाराजगी है.

किया था नीतियों का विरोध

हाल ही में NCL कर्मियों ने भारत सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था. कर्मचारियों की मांग थी कि, स्थाई लोगों को रोजगार दिलाया जाए. वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार द्वारा एक नीति बनाई जा रही है, जिसमें 30 साल सर्विस या 50 साल उम्र वालों को सेवानिवृत्त किया जाएगा. इसी के विरोध में एनसीएल कर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया था.

Last Updated : Nov 11, 2020, 8:45 AM IST
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