सिंगरौली। एक ओर राज्य सरकार प्रत्येक नागिरक को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने का वादा कर चुकी है तो वहीं करोड़ों की लागत से बना ट्रामा सेंटर बदहाली का शिकार हो रहा है. सिंगरौली जिले में लगभग 27 करोड़ की लागत से बना ट्रामा सेंटर सिर्फ नाम का ट्रामा सेंटर बनकर रह गया है. यहां अक्सर बिजली चली जाती है. इतना पैसे खर्च होने के बावजूद भी यहां इलाज करवाने आ रहे मरीजों को अंधेरे में इलाज करवाना पड़ रहा हैं.
कबाड़ में धूल खा रहा है सोलर पैनल
भला को कोई यह बात सोच सकता है कि 27 करोड़ का ट्रामा सेंटर बिजली की किल्लत से जूझ रहा है. यहां बिजली नहीं होने से इमारत के सभी वार्डों में अंधेरा रहता है. कई बार तो लोग एक दूसरे से टकराकर घायल हो जाते हैं. हद तो जब हो जाती है, जब ट्रामा सेंटर में 20 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया गया है, लेकिन वो भी कबाड़ में धूल खा रहा है. सोलर पैनल की बैटरी खराब हो चुकी है और पैनल जंग खा रहे हैं.
काबू में होंगे जल्द हालात
जब ट्रामा सेंटर में अंधेरे होने की वजह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरके जैन से जानना चाही तो उन्होंने कहा, ट्रामा सेंटर में बिजली की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इन्वर्टर की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा अभी ट्रामा सेंटर में काम जारी है, इसलिए थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन हालात को जल्द काबू में कर लिया जाएगा. सिंगरौली जिले में बन रहे ट्रामा सेंटर के निर्माण के लिए डीएमएफ से 15 करोड़ दिया गया था. निर्माण की अवधि पूरी हो जाने के बाद भी अभी तक ट्रामा सेंटर बनकर तैयार नहीं हो पाया है.