सीधी। समृद्ध मध्यप्रदेश का दावा करने वाली सरकार के दावे कितने खोखले हैं, इसका उदाहरण सीधी जिले के बहरी पंचायत में देखने को मिला. बहरी पंचायत की जहां छीरहा टोला के रहवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. बिजली और पानी की समस्या से जूझते रहवासियों को गांव तक पहुंचने के लिए सड़क की सुविधा भी नहीं है. ग्रामीणों की समस्या पर राजनीति तो खूब हुई, लेकिन शासन प्रशासन ने इनकी समस्याओं के लिए कोई काम आज तक नहीं किया.
जहां छीरहा टोला में 400 की आबादी निवास करती है. जंगल और पहाड़ की वजह से ना तो गांव में सड़क पहुंची है ना ही बिजली. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से जब कोई गांव में बीमार होता है तो उसे खटिया पर रखकर गांव से 4 किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है. वहीं गांव में बिजली न होने से बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर हैं. जंगली इलाका होने की वजह से वन्य जीव और कीड़े मकोड़े घर में घुस जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है की कई बार जिम्मेदारों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता.
वहीं विकास की बाट जोह रहे बहरी पंचायत के लोगों की समस्याओं को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष का कहना है कि 40 साल से कांग्रेस सीट पर जीत कर आई है. मंत्री बने हैं लेकिन क्षेत्र में कितना विकास दिखता है वह सामने है. गांव की समस्या की जानकारी होने के बाद उन्होंने गांव में विकास कराने की बात कह रही है. बता दें कि इस क्षेत्र से कमलनाथ सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल रह चुके हैं, लेकन आज भी यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है.
वहीं इस मामले में एक समाजसेवी का कहना है कि गांव की तस्वीर देखकर लगता ही नहीं कि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं शासन प्रशासन को गांव में विकास करने की जरूरत है. इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि गांव में अब तक बिजली और सड़क क्यों नहीं पहुंची जिसकी जांच कराई जाएगी और वन विभाग से बात कर गांव तक सड़क पहुंचाई जाएगी.