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सीधी में दिखा निसर्ग तूफान का असर, कई मकानों और पेड़ों को हुआ नुकसान

सीधी के कुसमी और मझौली इलाके में निसर्ग तूफान का असर देखने को मिला, यहां दो दिनों से लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं तूफान आने से सड़कों पर पेड़ गिर गए हैं, जिससे आवागमन भी बंद हो चुका है.

The impact of Nisarga storm seen in Sidhi
निसर्ग तूफान का असर
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Published : Jun 6, 2020, 9:18 AM IST

सीधी। जिले के ग्रामीण इलाकों में निसर्ग तूफान का असर देखने को मिला है. जहां दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया. तूफान आने से सैकड़ों कच्चे मकान गिर गए हैं. वहीं कई पुराने पेड़ भी उखड़ गए हैं. तूफान से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने टीम बनाने की बात कही है.

निसर्ग तूफान का असर

तूफान आने से जिले के कुसमी और मझौली इलाके में तबाही का मंजर देखने को मिला है. सैकड़ों कच्चे मकानों को नुकसान तो हुआ ही बिजली सप्लाई भी 2 दिनों से बाधित है. कई ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर पेड़ गिर जाने की वजह से आवागमन भी बंद हो चुका है. तूफान का ज्यादातर असर कुसमी आदिवासी वनचल क्षेत्र में देखने को मिला है.

ग्रामीणों ने बताया की सात बजे अचानक तूफान आया जो इतना तेज था कि कच्चे घरों की छत उड़ा ले गया है. पेड़ पौधे सब जमीन पर गिरने लगे, इसका असर सिर्फ पांच मिनट तक रहा. लेकिन खाने पीने की सामग्री और छोटे बर्तन भी तूफान में उड़ गए. कलेक्टर रविंद्र चौधरी का कहना है कि जिले के कई गांव इससे प्रभावित हुए हैं. घर और पेड़ पौधों को ज्यादा नुकसान हुआ है. हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है. उनका कहना है कि एसडीएम को प्रभावित इलाकों का दौरा कर जायजा लेकर नुकसान का आंकलन करने के लिए कही गया है.

सीधी। जिले के ग्रामीण इलाकों में निसर्ग तूफान का असर देखने को मिला है. जहां दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया. तूफान आने से सैकड़ों कच्चे मकान गिर गए हैं. वहीं कई पुराने पेड़ भी उखड़ गए हैं. तूफान से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने टीम बनाने की बात कही है.

निसर्ग तूफान का असर

तूफान आने से जिले के कुसमी और मझौली इलाके में तबाही का मंजर देखने को मिला है. सैकड़ों कच्चे मकानों को नुकसान तो हुआ ही बिजली सप्लाई भी 2 दिनों से बाधित है. कई ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर पेड़ गिर जाने की वजह से आवागमन भी बंद हो चुका है. तूफान का ज्यादातर असर कुसमी आदिवासी वनचल क्षेत्र में देखने को मिला है.

ग्रामीणों ने बताया की सात बजे अचानक तूफान आया जो इतना तेज था कि कच्चे घरों की छत उड़ा ले गया है. पेड़ पौधे सब जमीन पर गिरने लगे, इसका असर सिर्फ पांच मिनट तक रहा. लेकिन खाने पीने की सामग्री और छोटे बर्तन भी तूफान में उड़ गए. कलेक्टर रविंद्र चौधरी का कहना है कि जिले के कई गांव इससे प्रभावित हुए हैं. घर और पेड़ पौधों को ज्यादा नुकसान हुआ है. हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है. उनका कहना है कि एसडीएम को प्रभावित इलाकों का दौरा कर जायजा लेकर नुकसान का आंकलन करने के लिए कही गया है.

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