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टेक्नो यूनिक कंपनी ने तीन साल से नहीं दी मजदूरी, सौंपा ज्ञापन

सीधी के बहरी में बने प्लांट में मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है. ये सभी मजदूर हैदराबाद की टेक्नो युनिक कंपनी में काम करते थे. इन मजदूरों ने सड़क निर्माण में काम किया है, दो साल पहले काम बंद हो गया, लेकिन अभी तक इनका पैसा नहीं मिला है.

Workers submitted memorandum
मजदूरों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 11, 2020, 8:03 PM IST

सीधी। NH-39 को फोरलेन में तब्दील किया जा रहा है. यह काम हैदराबाद की टेक्नो यूनिक कंपनी ने अपने हाथ में लिया है. कंपनी मनमानी कर मजदूरों का हक मार रही है. बहरी में स्थापित प्लांट में सैकड़ों मजदूर सड़क निर्माण में मजदूरी करते हैं, लेकिन अब इनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. आज मजदूर जिला कलेक्टर को टेक्नो यूनिक इंफ्राटेक कंपनी की शिकायत करने पहुंचे. मजदूरों का कहना है कि तीन साल से उन्हें मजदूरी नहीं दी गई.

मजदूरों ने सौंपा ज्ञापन

कंपनी के लिए बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मप्र के मजदूर काम करते हैं. हालांकि कंपनी ने तीन साल पहले सड़क निर्माण का काम बंद किया हुआ है. इसके बावजूद कई मजदूर आज भी भुगतान की राह देख रहे हैं. इन मजदूरों ने बताया कि जब वे कंपनी के अधिकारी से पैसा मांगते हैं तो वे बदसलूकी पर उतर आते हैं. मजदूर भुगतान को लेकर इससे पहले भी जिला प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक इनकी कोई सुध नहीं ली है.

कंपनी ने तीन साल से सड़क निर्माण का काम बंद किया हुआ है, लेकिन प्लांट में मजदूर आज भी काम कर रहे हैं. इन मजदूरों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनका भुगतान नहीं हो पाने की वजह से वे घर नहीं जा रहे हैं. एक तो कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से मजदूर वर्ग परेशान है और कंगाली की कगार पर है. वहीं दूसरी ओर इन कामगारों का भुगतान नहीं हो पाने से इनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन कब तक इनकी मदद करता है.

सीधी। NH-39 को फोरलेन में तब्दील किया जा रहा है. यह काम हैदराबाद की टेक्नो यूनिक कंपनी ने अपने हाथ में लिया है. कंपनी मनमानी कर मजदूरों का हक मार रही है. बहरी में स्थापित प्लांट में सैकड़ों मजदूर सड़क निर्माण में मजदूरी करते हैं, लेकिन अब इनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. आज मजदूर जिला कलेक्टर को टेक्नो यूनिक इंफ्राटेक कंपनी की शिकायत करने पहुंचे. मजदूरों का कहना है कि तीन साल से उन्हें मजदूरी नहीं दी गई.

मजदूरों ने सौंपा ज्ञापन

कंपनी के लिए बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मप्र के मजदूर काम करते हैं. हालांकि कंपनी ने तीन साल पहले सड़क निर्माण का काम बंद किया हुआ है. इसके बावजूद कई मजदूर आज भी भुगतान की राह देख रहे हैं. इन मजदूरों ने बताया कि जब वे कंपनी के अधिकारी से पैसा मांगते हैं तो वे बदसलूकी पर उतर आते हैं. मजदूर भुगतान को लेकर इससे पहले भी जिला प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक इनकी कोई सुध नहीं ली है.

कंपनी ने तीन साल से सड़क निर्माण का काम बंद किया हुआ है, लेकिन प्लांट में मजदूर आज भी काम कर रहे हैं. इन मजदूरों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनका भुगतान नहीं हो पाने की वजह से वे घर नहीं जा रहे हैं. एक तो कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से मजदूर वर्ग परेशान है और कंगाली की कगार पर है. वहीं दूसरी ओर इन कामगारों का भुगतान नहीं हो पाने से इनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन कब तक इनकी मदद करता है.

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