सीधी। कोरोना संक्रमण के दौरान काफी लोगों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है, ठेला लगाने वाले लोगों का रोजगार पूरी तरह से ठप हो गया है. इसी कड़ी में शहर के वार्ड क्रमांक 4 चौरसिया मोहल्ला निवासी 42 वर्षीय तेजभान भुजबा भी जीवन यापन करने के लिए चने का ठेला लगाते थे. लेकिन लॉकडउन के कारण रोजगार ठप हो गया, ऐसे में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना उनके साथ-साथ काफी लोगों के लिए वरदान साबित हुई है.
तेजभान भुजबा ने बताया कि कई दिनों से ठेला न लगा पाने के कारण जो सीमित आमदनी होती थी वह भी रूक गई थी. वहीं जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरु हुई तो दोबारा ठेला शुरु करने के लिए तेजभान के पास पूंजी नहीं थी, ऐसे में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना तेजभान और उसके पूरे परिवार के लिये वरदान साबित हुई है.
तेजभान को इस योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये का ऋण मिला है. तेजभान ने बताया कि आवेदन करने के 10 से 15 दिनों के अन्दर ही उनके खाते में ऋण की राशि आ गई थी, बिना किसी सिक्योरिटी के उन्हें यह लोन सरकार ने उपलब्ध कराया है. इन रुपयों की मदद से तेजभान दोबारा चने का ठेला पहले के जैसा संचालित करने में सक्षम हो सके हैं.
बहरहाल इस आर्थिक सहायता के बलबूते तेजभान का रोजगार फिर से पहले जैसा चलने लगा है, जिससे तेजभान को प्रतिदिन 300 से 400 रुपये का लाभ मिल रहा है. तेजभान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आमदनी का सहारा बंद हो जाने की वजह से वह और उनका परिवार काफी परेशान चल रहे थे. अगर उन्हें 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से उक्त योजना के अन्तर्गत नहीं मिली होती तो वे बिना इस सहायता के आगे नहीं बढ़ पाते.
इस योजना से उन्हें अपना व्यवसाय दोबारा खड़ा करने में बहुत सहायता मिली है, स्ट्रीट वेंडर्स के लिये निश्चित रूप से यह योजना अत्यन्त लाभदायक है. जिस वजह से समाज के गरीब तबके के लोगों में लॉकडाउन के बाद एक नई स्फूर्ति जागी है, जिससे उन्हें दोबारा अपना व्यवसाय शुरु करने के लिए आसानी हो रही है.