सीधी: मध्यप्रदेश के लिए मंगलवार का दिन बड़ा ही अमंगल साबित हुआ, अल सुबह जब लोगों की नींद खुली तो बाण सागर डैम की नहर में मौत की लहरें हिलोरे ले रहीं थी क्योंकि 50 से अधिक यात्रियों की जान बस के नहर में गिरने से हो गई. कई लोग अभी भी लापता हैं. इस दर्दनाक बस हादसे से हर कोई सदमे में है. प्रशासन व परिवहन विभाग की लापरवाहियों पर सवाल खड़े होने लगे हैं. दर्दनाक हादसे की कई वजह सामने आ रही हैं, कहा जा रहा है कि हादसे की सबसे बड़ी वजह छुहिया घाटी में जाम लगना था जिसके बाद बस का रूट डायवर्ट कर दिया गया था, और बस हादसे वाले रुट पर चली गई.
छुहिया घाटी पहुंचा ईटीवी भारत
सीधी सड़क हादसे की सबसे बड़ी वजह सड़कों की बदहाल हालत है. ईटीवी भारत उसी जगह पहुंचा है जिस रास्ते से पहले बस को जाना था, लेकिन जाम होने के कारण बस का रूट बदल दिया गया. सीधी जाने वाले मार्ग छुहिया घाटी पर सड़कें बद से बदतर हैं. धूल, कंकड-पत्थर और सड़कों पर गड्डे आपको इस रोड पर मिल जाएंगे. यहां धूल इतनी है कि आपको कुछ नहीं दिखाई देगा. जब आप घर पहुंचेंगे तो शायद आपके परिजन भी आपको पहचान न पाएं. जब बड़े वाहन इस रोड पर खड़े हो जाते हैं तो अक्सर पूरी घाटी में कई किलोमीटर तक लंबा जाम लगता है. अगर इस सड़क की हालत ठीक होती तो बस इसी रास्ते से गुजरती और उन 50 लोगों की जान भी नहीं जाती.
सीधी बस हादसे में मरने वालों की संख्या हुई 50, कलेक्टर ने की पुष्टि
पिछले चार दिनों से रोड पर जाम ?
जानकारी के मुताबिक पिछले 4 दिनों से यहां जाम लगा हुआ था, जिसकी वजह से सीधी जाने वाली बस का रूट बदला गया था और बस रामपुर नैकिन के बाणसागर नहर के पुल के ऊपर से निकली. जिसकी वजह से यह भीषण हादसा हुआ, नहर से अब तक 50 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, दूसरे दिन भी रेस्क्यू जारी है.
शिवराज जी ! आपने ही कहा था एमपी की सड़कें अमेरिका जैसी !
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का राज्य की सड़कों को लेकर किया जाने वाला हर दावा लगातार चर्चा में रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब साल 2017 में अमेरिका में निवेशकों से बातचीत कर रहे थे तब उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं. उन्होंने कहा था कि जब मैंने वॉशिंगटन एयरपोर्ट से बाहर निकलकर सड़क पर सफर किया तो मुझे लगा कि इससे अच्छी सड़कें मध्य प्रदेश की हैं, लेकिन अब सवाल यहीं है अगर छुहिया घाटी की सड़कें अमेरिका जैसी होती तो शायद सीधी में 50 लोगों की मौत नहीं होती.
जाम खुलवाने के लिए नहीं था एक भी पुलिसकर्मी ?
स्थानीय लोग भी कहते हैं कि चार दिन से रोड पर जाम है. यहां प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं दिखता. अगर पुलिसकर्मी होते तो ये जाम कब का हट जाता और जिस बस का हादसा हुआ वो भी नहीं होता.
हादसा कैसे हुआ ?
नहर में गिरी बस जबलनाथ ट्रेवेल्स की थी, जोकि हर दिन छुहिया घाटी के रास्ते सतना जाती थी. हादसे का सबसे बड़ा कारण रास्ते का संकरा होना माना जा रहा है. बस अपने तय रुट नेशनल हाई-वे नंबर 39 से सीधी से सतना जा रही थी, ड्राइवर जाम की वजह से बस को संकरे रास्ते से ले गया, जो नहर से लगकर निकलती है. ड्राइवर ने संतुलन खोया और हादसा हो गया.