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शिव सेनिकों ने गौड़वाना पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह के निधन पर जताया शोक, दी श्रंद्धाजलि

सीधी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. शिवसेना जिला इकाई द्वारा जिला कार्यालय अमहा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष को श्रद्धांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा गया.

founder of Gaudwana Party
गौड़वाना पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह
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Published : Oct 31, 2020, 2:41 AM IST

सीधी। सीधी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम को शिवसेना जिला इकाई द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा गया. शिव सेना ने दादा हीरा सिंह मरकाम को याद करते हुए बताया कि दादा हीरा सिंह मरकाम का जन्म 14 जनवरी 1942 को बिलासपुर जिले के तिवरता गांव की एक खेतिहर मजदूर किसान के यहां हुआ था, अब यह कोरबा जिले के अंतर्गत आता है.

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता दादा हीरा सिंह मरकाम ने 1990 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया. राजनेता होने के साथ ही उन्होंने एक ओर संस्कृति सभ्यता को लेकर आंदोलन चलाया विवेक पांडे ने कहा कि हीरा सिंह मरकाम का मानना था कि शिक्षा गोड़ आदिवासियों के लिए सबसे जरूरी है.

वह एक ऐसी शिक्षा का प्रस्ताव कर रहे थे जो सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से बनाए रहे. विवेक पांडे ने नम आंखों से याद करते हुए कहा कि आज हमारे बीच जमीनी स्तर के नेता दादा हीरा सिंह मरकाम नहीं रहे 79 वर्ष की उम्र में 28 अक्टूबर को बिलासपुर के निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.

इस दुख की घड़ी में हम शिवसैनिक उनके परिवार के साथ है हम शिवसैनिकों के लिए ऐसे जमीनी नेता सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगे दादा हीरा सिंह मरकाम हम शिवसैनिकों के दिलों में सदैव जिंदा रहेंगे.

सीधी। सीधी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम को शिवसेना जिला इकाई द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा गया. शिव सेना ने दादा हीरा सिंह मरकाम को याद करते हुए बताया कि दादा हीरा सिंह मरकाम का जन्म 14 जनवरी 1942 को बिलासपुर जिले के तिवरता गांव की एक खेतिहर मजदूर किसान के यहां हुआ था, अब यह कोरबा जिले के अंतर्गत आता है.

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता दादा हीरा सिंह मरकाम ने 1990 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया. राजनेता होने के साथ ही उन्होंने एक ओर संस्कृति सभ्यता को लेकर आंदोलन चलाया विवेक पांडे ने कहा कि हीरा सिंह मरकाम का मानना था कि शिक्षा गोड़ आदिवासियों के लिए सबसे जरूरी है.

वह एक ऐसी शिक्षा का प्रस्ताव कर रहे थे जो सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से बनाए रहे. विवेक पांडे ने नम आंखों से याद करते हुए कहा कि आज हमारे बीच जमीनी स्तर के नेता दादा हीरा सिंह मरकाम नहीं रहे 79 वर्ष की उम्र में 28 अक्टूबर को बिलासपुर के निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.

इस दुख की घड़ी में हम शिवसैनिक उनके परिवार के साथ है हम शिवसैनिकों के लिए ऐसे जमीनी नेता सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगे दादा हीरा सिंह मरकाम हम शिवसैनिकों के दिलों में सदैव जिंदा रहेंगे.

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