सीधी। जिले में भ्रष्टाचार का एक नया कारनामा सामना आया है. यहां जेल में बंद कैदी का नाम मस्टर रोल में डालकर 7 हजार रुपए का भुगतान किया गया. इससे पहले ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों में मृतक और शासकीय सेवकों के नाम पर पैसे के भुगतान की जानकारी आती रही है, लेकिन अब जेल में बंद लोगों के नाम से भी पैसे निकाले जाने लगे हैं, जोकि सरपंच और सचिव के भ्रष्टाचार का जीता जाता उदाहरण बन गए हैं. फिलहाल, मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं.
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, पोंडी ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव मिलकर जेल में बंद युवक का पंचायत में मजदूरी दिखाकर पैसों का भुगतान किया गया है. यह मामला सामने आने के बाद जिम्मेदारों के कान खड़े हो गए हैं. बता दें कि पंचायत में पुलिया निर्माण का कार्य दिसंबर और जनवरी के बीच कराया गया है, जिसमे सतीश तिवारी नामक एक युवक को बाकायदा फरवरी माह में 7 हजार का भुगतान किया गया है, जबकि उक्त युवक नवंबर माह से ही जेल में बंद है.
कार्रवाई नहीं होने से हौसले बुलंद
ऐसे में सवाल यह उठता है कि जेल में बंद युवक ने पंचायत में मजदूरी का काम कैसे किया या फिर सरपंच और सचिव ने मिलकर बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. फिलहाल, यह तो जांच का विषय है. ग्राम पंचायतों के हालात इस समय किसी से छिपे नहीं हैं. दरअसल, इससे पहले के मामलों में कार्रवाई न होने के कारण यहां भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं. भ्रष्टाचारी सरपंच और सचिवों के ऊपर राजनैतिक संरक्षण होने के कारण ये हर बार कार्रवाई से बच जाते हैं और अधिकारी टकटकी लगाए देखते रह जाते हैं. पंचायत में दोनों के द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर काम कराए जा रहे हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई- शुक्ला
वहीं, जब भ्राष्टाचार के इस मामले में जिला पंचायत सीईओ राकेश शुक्ला से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. दोषी पाए जाने पर उक्त सरपंच और सचिव के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.