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कुदरत के कहर से परेशान अन्नदाता, बूंदाबांदी से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें - , sidhi

बारिश कुदरती कहर बननकर अन्नदाता की मेहनत पर बरसी है. किसानों ने आशंका जताई है कि अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो उनकी सारी फसल नष्ट हो जाएगी. सीधी के अलावा उमरिया में भी मौसम का मिजाज बदला नजर आया. यहां भी झमाझम बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा.

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Published : Feb 16, 2019, 12:08 AM IST

सीधी। शहर में बादलों ने अचानक करवट ली है, जिससे मौसम सुहाना हो गया है. शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी से मौसम खुशनुमा है. वहीं इस बूंदाबांदी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खिंच रही हैं, जबकि इस बेमौसम बारिश से ठंड बढ़ने के आसार भी नजर आ रहे हैं.

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करीब 15 दिनों बाद शहर में काले बादलों से सूरज छिपा नजर आया. किसानों की मानें तो इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान हो सकता है. खासकर गेहूं और चने की फसल पर इस बारिश का असर ज्यादा दिखाई देगा. किसानों का कहना है कि चना, मसूर के फूल अभी लगना शुरू हुये हैं, जो इस बारिश के कहर से गिर जाएंगे, जिसके बाद फसल में बीज नहीं आएगा.

इससे पहले किसानों की फसल को पाले ने नष्ट किया था. अब बारिश कुदरती कहर बननकर अन्नदाता की मेहनत पर बरसी है. किसानों ने आशंका जताई है कि अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो उनकी सारी फसल नष्ट हो जाएगी. सीधी के अलावा उमरिया में भी मौसम का मिजाज बदला नजर आया. यहां भी झमाझम बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा.

जानकारों का मानना है कि बेमौसम हुई बारिश ने कई गंभीर बीमारियों को भी आमंत्रण दिया है. इसके अलावा इससे फल, सब्जी, फसलें भी नष्ट हुई हैं. वहीं स्कूली बच्चे भी देरी से घर पहुंचे. जबकि कुछ स्कूलों में ताले लगे भी नजर आये. लोगों का मानना है कि ये बारिश किसानों पर आफत बनकर बरसी है.

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सीधी। शहर में बादलों ने अचानक करवट ली है, जिससे मौसम सुहाना हो गया है. शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी से मौसम खुशनुमा है. वहीं इस बूंदाबांदी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खिंच रही हैं, जबकि इस बेमौसम बारिश से ठंड बढ़ने के आसार भी नजर आ रहे हैं.

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करीब 15 दिनों बाद शहर में काले बादलों से सूरज छिपा नजर आया. किसानों की मानें तो इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान हो सकता है. खासकर गेहूं और चने की फसल पर इस बारिश का असर ज्यादा दिखाई देगा. किसानों का कहना है कि चना, मसूर के फूल अभी लगना शुरू हुये हैं, जो इस बारिश के कहर से गिर जाएंगे, जिसके बाद फसल में बीज नहीं आएगा.

इससे पहले किसानों की फसल को पाले ने नष्ट किया था. अब बारिश कुदरती कहर बननकर अन्नदाता की मेहनत पर बरसी है. किसानों ने आशंका जताई है कि अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो उनकी सारी फसल नष्ट हो जाएगी. सीधी के अलावा उमरिया में भी मौसम का मिजाज बदला नजर आया. यहां भी झमाझम बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा.

जानकारों का मानना है कि बेमौसम हुई बारिश ने कई गंभीर बीमारियों को भी आमंत्रण दिया है. इसके अलावा इससे फल, सब्जी, फसलें भी नष्ट हुई हैं. वहीं स्कूली बच्चे भी देरी से घर पहुंचे. जबकि कुछ स्कूलों में ताले लगे भी नजर आये. लोगों का मानना है कि ये बारिश किसानों पर आफत बनकर बरसी है.

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Intro:एंकर-- मध्य प्रदेश के साथ सीधी में भी मौसम ने आज अचानक करवट बदल ली सुबह से छाए बादल और हो रही रुक-रुक कर बूंदाबांदी से मौसम तो खुशनुमा हो चुका लेकिन बेमौसम हो रही बरसात से किसान खासे परेशान हैं वहीं जिले में फिर से ठंड बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं


Body:सीधी में 15 दिन के बाद फिर मौसम ने आज अचानक करवट बदल ली सुबह से ही जिले में छाए काले काले बादलों से सूरज छिप गया और हल्की बूंदाबांदी की वजह से बरसात जैसा नजारा देखने को मिला वहीं यदि किसानों की बात करें तू ही अंबे मौसम हो रही बरसात किसानों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है गेहूं की फसल को छोड़ दिया जाए तो अन्य फसलों में पानी की वजह से काफी नुकसान किसानों को उठाना पड़ सकता है चना मसूर बद्री जिनके फूल अभी लग रहे हैं बारिश की वजह से इनके फूल झड़ जाएंगे और किसानों को इससे काफी नुकसान होगा।
बाइट(1)अनिरुद्ध तिवारी(किसान)


Conclusion:बहन हाल सीधी जिले में हो रही रुक रुक कर बरसात की वजह से ठंड बढ़ने के आसार अब और तेज हो गए हैं ऐसे में लोग परेशान तो होंगे ही साथ ही अन्नदाता कहे जाने वाले किसान भी बेमौसम बरसात की वजह से खासी परेशान हैं देखना होगा कि प्रकृति की यह मार किसानों को कब तक झेलनी पड़ेगी और कितना नुकसान होगा फिलहाल यह कहना अभी मुश्किल है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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