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कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर हैं ग्रामीण, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

सीधी जिले की बहरी तहसील के नकझर खुर्द गांव में 3 किलोमीटर के कच्चे रास्ते के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नकझर खुर्द
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Published : Sep 25, 2019, 9:28 AM IST

Updated : Sep 25, 2019, 11:36 AM IST

सीधी। आजादी के 73 साल बाद भी प्रदेश के कई गांव ऐसे हैं जो सड़क, बिजली,स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. ऐसी ही बदहाली का सामना कर रहा है जिले की बहरी तहसील का नकझर खुर्द गांव. जहां एक सड़क के लिए गांव कई सालों से इंतजार कर रहा है. 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में एक सड़क बनाने के लिए ग्रामीण कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं.

कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर हैं ग्रामीण

बता दे गांव में एक 3 किलोमीटर लंबा एक कच्चा रास्ता है, जिसके निर्माण के लिए ग्रामीण, सरकार और जिला प्रशासन से लगातार मांग कर रहे हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. आलम ये है कि बारिश के चलते पूरा रास्ता कीचड़ में तब्दील हो गया है और लोग उसी रास्ते जाने को मजबूर हैं.

गांव के ही रहने वाले एक युवक ने बताया कि 40 साल से पुराना रास्ता है, लेकिन दबंगों के चलते इसे बंद कर दिया गया है. इसका न तो सीमेंटीकरण किया जा रहा है और न ही आवागमन के लिए खोला जा रहा है. जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मामले में सीधी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन ऐसे रास्तों पर किय गये कब्जों को हटा रहा है. जल्द ही संबंधित गांव की भी समस्या दूर कर दी जायेगी.

सीधी। आजादी के 73 साल बाद भी प्रदेश के कई गांव ऐसे हैं जो सड़क, बिजली,स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. ऐसी ही बदहाली का सामना कर रहा है जिले की बहरी तहसील का नकझर खुर्द गांव. जहां एक सड़क के लिए गांव कई सालों से इंतजार कर रहा है. 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में एक सड़क बनाने के लिए ग्रामीण कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं.

कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर हैं ग्रामीण

बता दे गांव में एक 3 किलोमीटर लंबा एक कच्चा रास्ता है, जिसके निर्माण के लिए ग्रामीण, सरकार और जिला प्रशासन से लगातार मांग कर रहे हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. आलम ये है कि बारिश के चलते पूरा रास्ता कीचड़ में तब्दील हो गया है और लोग उसी रास्ते जाने को मजबूर हैं.

गांव के ही रहने वाले एक युवक ने बताया कि 40 साल से पुराना रास्ता है, लेकिन दबंगों के चलते इसे बंद कर दिया गया है. इसका न तो सीमेंटीकरण किया जा रहा है और न ही आवागमन के लिए खोला जा रहा है. जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मामले में सीधी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन ऐसे रास्तों पर किय गये कब्जों को हटा रहा है. जल्द ही संबंधित गांव की भी समस्या दूर कर दी जायेगी.

Intro:एंकर-आजादी के 70 साल बाद भी सीधी जिला आजबाट जोह रहा है, सड़क बिजली,पानी शिक्षा स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए कई गांव तरस रहे है,ऐसा ही जिला का एक गांव है जहाँ सड़क के लिए ग्रामीण सालों से इंतजार कर रहे, पकडंडी रास्तें से चल रहें है बरसात के दिनों में तो इस पकडंडी रास्तें पर लोगो का चलना दूभर हो जाता है,घुटने तक घास कीचड़ की वजह से लोग कई बार फंस भी चुके है सरपंच सचिव की मिलीभगत से आज ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को मजबूर है,प्रशासन सिर्फ आश्वासन देकर अपने कर्तव्यों को पूरा कर रहे है।।Body:वाइस ओवर(1)-एक ओर जहां देश को विकसित देश बनाये जाने के लिए तरह तरह की कवायदें सरकार कर रही है और देश के हर एक गांव को शहर से जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, कई गांवों की डगर नही होने से आज भी सड़क बनाए जाने का लोग इंतजार कर रहै है। ऐसा ही एक गांव सीधी जिले की बहरी तहसील में है, जहां आजादी के 70 साल बाद भी सड़क की मांग पूरी नहीं हो पाई है। *नकझर खुर्द पिपरहवा टोला जहां 500 घरों की आवादी * जहां जाने का करीब 3 किलोमीटर का रास्ता आजादी के बाद से लेकर अब तक ज्यों का त्यों पड़ा है। यहां रहने वाले करीब 500 गावों लोग पकडंडी से निकलने को मजबूर है। क्योकि कुछ ग्रामीण दबंगो द्वारा अतिक्रमण कर ग्रामीणों को निकलने नही दिया जाता और वही रास्ते मे घूटनों भर कीचड़ घास और होने के कारण छोटे छोटे बच्चों भी स्कूल जाने से वंचित हो रहे है,रास्ता न होने की वजह से कोई ग्रामीण या महिला बीमार पड जाय तो वाहनों का भी निकल पाना मुश्किल होता है। जबकि रास्तें को अवरूद्ध कर दिया गया जिसकी तस्वीर आप खुद देख सकते है जबकि ऐसा भी नहीं है कि इस स्थिति से जिला प्रशासन अवगत नहीं है ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों बार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस बारे में जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पाई है। बारिश के दिनों में यहां के हालात और भी बदतर हो जाते हैं, ऐसे में ग्रामीणों को यहां से गुजरने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं इस मामले में कलेक्टर ने शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए हैं।
बाईट(1)-- भोला पांडे ग्रामीण।
बाइट(2) रविंद्र कुमार चौधरी जिला कलेक्टर सीधी मध्य प्रदेशConclusion:बहरहाल, ऐसे में सड़क की माकूल व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीण भारी समस्या से गुजर रहे हैं और उनमें आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने सड़क बनाए जाने की उम्मीद में अब जिला प्रशासन से गुहार लगाई है और जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने व सड़क बनाए जाने की मांग की है।
सिहावल विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नकझर खुर्द का पिपरहवा टोला 500 से ज्यादा की आबादी वाले इस मोहल्ले के लोग इसी रास्तें से निकलना होता है
।।पवन त्तिवारी etv भारत सीधी mp।।
Last Updated : Sep 25, 2019, 11:36 AM IST
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