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दो बच्चों को लावरिस छोड़ भागी मां, भीख मांग छोटे भाई का पेट भर रहा मासूम

सीधी में एक कलयुगी मां अपने दो बच्चों को बीच रास्ते में छोड़कर भाग गई. जिसके बाद बड़े भाई ने छोटे भाई को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में अच्छा खाना नहीं मिलने से उसे भीख मांगनी पड़ रही है.

भीख मांगकर छोटे भाई का पेट पाल रहा मासूम
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Published : Aug 29, 2019, 12:04 AM IST

सीधी। क्या कोई मां अपने दो मासूम बच्चों को रास्ते में छोड़कर गायब हो सकती है. सुनने में ही ये बात अजीब लगती है, लेकिन सीधी से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक मां अपने दो बच्चों को छोड़कर भाग गई. दोनों में से एक बीमार था. जिसे उसके बड़े भाई ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया. दोनों बच्चों में से एक की उम्र आठ साल है. जबकि दूसरा उससे छोटा है.

भीख मांगकर छोटे भाई का पेट पाल रहा मासूम

इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की भी लापरवाही सामने आई है. बताया जा रहा है कि चार अगस्त को बच्चों की मां उनको रास्ते में छोड़ गई थी. दोनों में छोटा बच्चा बीमार था. जिसे उसके भाई ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन अस्पताल में अच्छा खाना नहीं मिलने से उसे भीख मांगनी पड़ रही है.

अस्पताल में भर्ती दोनों बच्चों की जिम्मेदारी खुद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने ली थी. लेकिन करीब एक महीने बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी बच्चों से मिलने तक नहीं आया. बच्चे का कहना है कि अस्पताल में खाना अच्छा नहीं मिलने के चलते वह भीख मांग कर अपना और अपने छोटे भाई का पेट भर रहा है.

जब बच्चे के भीख मांगने के मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह से बात की गई तो वह मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. अस्पताल में भी भोजन की व्यवस्था होती है, वहां भी बच्चा भोजन कर सकता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बच्चा अब ठीक हो रहा है और उसे सीधी के एक निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा.

सीधी। क्या कोई मां अपने दो मासूम बच्चों को रास्ते में छोड़कर गायब हो सकती है. सुनने में ही ये बात अजीब लगती है, लेकिन सीधी से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक मां अपने दो बच्चों को छोड़कर भाग गई. दोनों में से एक बीमार था. जिसे उसके बड़े भाई ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया. दोनों बच्चों में से एक की उम्र आठ साल है. जबकि दूसरा उससे छोटा है.

भीख मांगकर छोटे भाई का पेट पाल रहा मासूम

इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की भी लापरवाही सामने आई है. बताया जा रहा है कि चार अगस्त को बच्चों की मां उनको रास्ते में छोड़ गई थी. दोनों में छोटा बच्चा बीमार था. जिसे उसके भाई ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन अस्पताल में अच्छा खाना नहीं मिलने से उसे भीख मांगनी पड़ रही है.

अस्पताल में भर्ती दोनों बच्चों की जिम्मेदारी खुद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने ली थी. लेकिन करीब एक महीने बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी बच्चों से मिलने तक नहीं आया. बच्चे का कहना है कि अस्पताल में खाना अच्छा नहीं मिलने के चलते वह भीख मांग कर अपना और अपने छोटे भाई का पेट भर रहा है.

जब बच्चे के भीख मांगने के मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह से बात की गई तो वह मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. अस्पताल में भी भोजन की व्यवस्था होती है, वहां भी बच्चा भोजन कर सकता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बच्चा अब ठीक हो रहा है और उसे सीधी के एक निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा.

Intro:एंकर-- सीधी में एक मां पहले दो मासूम बच्चों को रास्ते में छोड़कर मां अचानक गायब हो गई थी जिसे लेकर 8 साल की मासूम बच्ची ने अपने छोटे भाई को अस्पताल लेकर आया और भर्ती कराया जहां अब बीमार बच्चा स्वस्थ होने लगा है लेकिन महिला बाल विकास अधिकारी मौके पर ही पहुंचे थे और दोनों बच्चों की देखभाल शिक्षा-दीक्षा कराने और युवा सर्वेक्षण में भेजने की बात कही गई थी सब बातें हवा-हवाई हो गई बच्चा लोगों से पैसा मांग कर अपना और छोटे भाई का पेट भर रहा है प्रशासन सिर्फ कागजों में खानापूर्ति कर अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है।


Body: वाइस ओवर(1) जिंदगी शुरु होते ही दो मासूम बच्चों की जिंदगी नरक में कब तब्दील हो गई अंदाजा इस बात से लग जाता है कि 4 अगस्त को जो रोड थाना इलाके के दो मासूम बच्चे जिला अस्पताल में दाखिल होकर एक बच्चे को गंभीर हालत में भर्ती किया गया दरअसल इन दोनों बच्चों के पिता पहले ही किसी दूसरे शहर में रहते हैं मां 4 अगस्त को बच्चों के साथ आधे रास्ते तक तो आई लेकिन बीच रास्ते से गायब हो गई थी जिसे लेकर जिला अस्पताल में भर्ती दोनों मासूम बच्चों की जिम्मेदारी खुद महिला बाल विकास अधिकारी ने ली थी लेकिन आज बच्चा स्वस्थ हो रहा है लापरवाही की हद तो तब हो गई जब एक महीना से भर्ती बच्ची को अधिकारी देखने तक नहीं आए मासूम का कहना है कि दूसरों से भीख में पैसे मांग कर होटल में भोजन करते हैं अस्पताल का खाना अच्छा नहीं रहता उसे देखने की अधिकारी नहीं आता वही जिला अस्पताल की नर्स का कहना है कि बच्चा अब ठीक हो गया है 2 दिन में छुट्टी दे दी जाएगी।
बाइट(1) मासूम बच्चे की बाइट
बाइट(2) अंजू लता मुख्य नर्स जिला अस्पताल सीधी।
वहीं इस मामले में महिला बाल विकास अधिकारी का कहना है कि बच्चा अब ठीक हो रहा है और उसे अब रीवा की जगह सीधी के एक निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा। पूछने पर कि बच्चा दूसरों से पैसा मांग कर भोजन कर रहा है तो कहने लगी ऐसा नहीं है अस्पताल में भी भोजन की व्यवस्था होती है वहां भी बच्चे भोजन कर सकता है।
बाइट(3) अवधेश सिंह महिला बाल विकास अधिकारी जिला सीधी


Conclusion:बरहाल एक माह से महिला बाल विकास या अन्य विभाग के अधिकारी बच्ची को देखने नहीं आए दोनों बच्चे लोगों से मांग कर खाना खा रहे हैं वादी तो बड़े-बड़े कर दिए जाते हैं लेकिन हकीकत में सब वादे हवा हवाई हो जाते हैं देखना होगा कि आगे वाले समय में प्रशासन इन दो मासूम बच्चों की क्या मदद कर पाता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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