सीधी। कोरोना वायरस के चलते जहां मनरेगा योजना के तहत रोजगार देने की बात मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की गई थी. जिसके बाद कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने बार-बार चेतावनी दी थी कि अगर जेसीबी मशीन से कार्य कराए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और नजर आ रही है. जहां मजदूरों को एक-एक दिन के मजदूरी के लिए भटकना पड़ रहा है.
मजदूरी देने के बजाए उनके मुंह का निवाला छीनने का कार्य किया जा रहा है. पूरी रात जेसीबी मशीन से मेड बंधान का कार्य चलता रहा, काम के आड़ में सरकारी खेल धड़ल्ले से चल रहा है, जिसकी वजह से मजदूर बेरोजगार हो गए हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं.
ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिव मजदूरों को काम देने के बजाए जेसबी मशीन से मेड बंधान का कार्य करावा रहे हैं. वहीं सुबह चार मजदूर लगा कर मेड बंधान के कार्य का मेन्टीनेंस कराया जा रहा है. ऐसा भी नहीं है कि आला अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन कमीशन का खेल खेला जा रहा है.
बाद में फर्जी तरीके से जेसीबी मशीन से काम करा कर श्रमिकों का नाम अंकित कर मस्टर रोल तैयार कर लिया जाता है. फर्जी तरीके से खाते में पैसा डाल कर आहरित करा लिया जाता है. अगर किसी तरह से श्रमिक तक जानकारी पहुंचती है, तो सरपंच और सचिव द्वारा यह कहा जाता है कि हमने मजदूरी डलवाई थी.
बहरहाल जब किसी भी मजदूर को मजदूरी नहीं करवाई जा रही, तो खाते में राशि कैसे डाली जा रही है. कार्य के आड़ में सरकारी खेल धड़ल्ले से चल रहा है. इस पर रोक लगाने के बजाए फर्जी तरीके से जेसीबी मशीन का खेल चल रहा है.