सीधी। मध्यप्रदेश के अधिकतर इलाकों में लोग अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं, बारिश नहीं होने से किसानों के साथ-साथ आम आदमी भी परेशान है. इतना ही नहीं इंद्रदेव को खुश करने के लिए प्रदेश के लोग तरह-तरह के टोने-टोटके भी कर रहे हैं. अब ऐसे में यदि स्वर्ग लोक से इंद्रदेव का पत्र आ जाए तो क्या कहने, सीधी नगर पालिका को स्वर्ग लोक से आई इंद्रदेव की एक चिट्ठी मिली है, जिससे नगर पालिका कार्यालय में हड़कंप मच गया.
इंद्रदेव ब्रम्हाण मंडल के नाम से समस्त पृथ्वीवासियों के लिए लिखी चिट्ठी नगर पालिका पहुंची, इंद्रदेव ने कोरोना महामारी को लेकर लिखा है कि इस साल कोरोना का प्रकोप कम करने के लिए लॉकडाउन किया गया है, जिस कारण बादलों में पानी का संग्रहण नहीं हो सका. जिससे 50 फीसदी पानी में कटौती की जा रही है, यानि औसत से पचास फीसदी कम बारिश होगी. वहीं नगर पालिका सीएमओ का कहना है कि चिट्ठी कहां से आयी है, इसकी जांच की जा रही है.
सीएमओ को मिली चिट्ठी में इंद्रदेव के नाम से पृथ्वी वासियों को संबोधित किया गया है. चिट्ठी कहां से आई इसकी कोई जानकारी कार्यालय में नहीं है, पत्र में लिखा है कि इस साल कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है, जिससे बादलों ने पानी का संग्रहण नहीं किया, इसलिए समस्त पृथ्वी के लोगों को सूचित किया जाता है कि इस साल बरसात में 50 फीसदी कटौती की जाएगी, लेकिन इसका ये मतलब नहीं की कटौती हमेशा के लिए होगी, हालात देखते हुए इंद्रदेव ने ये निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि स्थिति ठीक होने और पानी का संग्रहण करने के बाद बारिश सामान्य हो जाएगी. प्रति में, विष्णु जी बैकुण्ड धाम, ब्रम्हा जी ब्रम्हलोक धाम और महादेव कैलाश पर्वत को सूचनार्थ भेजी गई है. पत्र पढ़कर कुछ समय के लिए सीएमओ का दिमाग चकरा गया. सीएमओ का कहना है कि जांच की जा रही है, कि ये पत्र कहां से आया है. सीधी में इस साल बरसात की कमी दिखने लगी है, श्रावण माह बीतने को है, लेकिन बरसात एक दो दिन होकर रुक सी गयी है. अब ये चिट्ठी भेजने में किसी शरारती तत्त्व का हाथ है या किसी ने मजाक कर नगर पालिका को तमाचा जड़ा है. ये जांच के बाद पता चलेगा.
अब सवाल उठता है कि कहीं न कहीं नगर पालिका को जगाने का काम जरूर इंद्रदेव ने किया है, देखना होगा कि नगर पालिका कब तक नींद से जागता है.