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फर्जी रजिस्ट्री कराकर 26 किसानों को बांट दिया गया 7 करोड़ रूपए मुआवजा - जमीन अधिकृत

सीधी में साढ़े चार एकड़ के लिए 7 करोड़ रुपए फर्जी मुआवजा 7 लोगों को बांट दिया गया, जिसका खुलासा होने और जांच में सही पाये जाने के बाद भी मुआवजा वापस लेने की प्रक्रिया अब तक नहीं शुरू की गई.

Fake compensation distribution of 7 crores in bypass land
7 करोड़ का फर्जी मुआवजा वितरण
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Published : Nov 28, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 7:24 AM IST

सीधी। सीधी से रीवा तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जबकि चुरहट बाइपास पर जमीन अधिगृहित करने के मामले में साढ़े चार एकड़ जमीन के लिए 7 करोड़ का फर्जी मुआवजा 26 लोगों के बीच बांट दिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने मुआवजा वापसी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की है.

7 करोड़ का फर्जी मुआवजा वितरण

आरटीआई कार्यकर्ता संजय पांडे ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो पता चला कि जमीन की पहले फर्जी रजिस्ट्री की गई, फिर 26 लोगों को अलग-अलग टुकड़ों में जमीन बांट कर मुआवजा दे दिया गया. तत्कालीन तहसीलदार ने फर्जी बंटवारे को निरस्त कर दिया था, उसके बाद नियम के खिलाफ जाकर अपर कलेक्टर फाइल अपने ऑफिस ले गए. रीवा संभाग के कमिश्नर ने मामला संज्ञान में लेते हुए फर्जी बंटवारा निरस्त कर दिया था.

अब इस मामले में न तो मुआवजा की वापसी की प्रक्रिया जिला प्रशासन शुरू कर रहा है और न ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज करवा रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि फाइल अपर कलेक्टर के पास होने से काम रुका हुआ है.

सीधी। सीधी से रीवा तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जबकि चुरहट बाइपास पर जमीन अधिगृहित करने के मामले में साढ़े चार एकड़ जमीन के लिए 7 करोड़ का फर्जी मुआवजा 26 लोगों के बीच बांट दिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने मुआवजा वापसी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की है.

7 करोड़ का फर्जी मुआवजा वितरण

आरटीआई कार्यकर्ता संजय पांडे ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो पता चला कि जमीन की पहले फर्जी रजिस्ट्री की गई, फिर 26 लोगों को अलग-अलग टुकड़ों में जमीन बांट कर मुआवजा दे दिया गया. तत्कालीन तहसीलदार ने फर्जी बंटवारे को निरस्त कर दिया था, उसके बाद नियम के खिलाफ जाकर अपर कलेक्टर फाइल अपने ऑफिस ले गए. रीवा संभाग के कमिश्नर ने मामला संज्ञान में लेते हुए फर्जी बंटवारा निरस्त कर दिया था.

अब इस मामले में न तो मुआवजा की वापसी की प्रक्रिया जिला प्रशासन शुरू कर रहा है और न ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज करवा रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि फाइल अपर कलेक्टर के पास होने से काम रुका हुआ है.

Intro:एंकर-- सीधी से रीवा बन रही फोरलेन सड़क के तहत चुरहट बाईपास में जमीन अधिकृत के मामले में आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा की साढ़े चार एकड़ की जमीन में 26 लोगों के बीच 7 करोड़ का फर्जी मुआवजा वितरण किया गया है जिसकी शिकायत पर जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने मुआवजा वापसी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की है और ना ही दोषियों पर एफ आई आर दर्ज की गई है।


Body:वाइस ओवर(1) सीधी के चुरहट में बन रही बाईपास सड़क में अधिकृत साडे 4 एकड़ जमीन में 26 लोगों के बीच 7 करोड़ का गलत मुआवजा वितरण होने के मामले में आरटीआई कार्यकर्ता संजय पांडे ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो पता चला उस जमीन में पहले तू फर्जी रजिस्ट्री की गई फिर 26 लोगों को अलग-अलग टुकड़ों में जमीन बांट कर मुआवजा दे दिया गया आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि तत्कालीन तहसीलदार द्वारा फर्जी बंटवारे को निरस्त कर दिया गया और फाइल अपर कलेक्टर उठाकर अपने ऑफिस ले गए यह नियम के खिलाफ है मुआवजा के दावा आपत्ति के प्रकरण एसडीएम को देखने का अधिकार होता है भू माफियाओं द्वारा कूट रचना कर 7 करोड़ का अवैध बंटवारा किया गया है जिसमें रीवा संभाग के कमिश्नर ने मामला संज्ञान में लेते हुए फर्जी बटवारा को निरस्त किया गया था अब इस मामले में ना तो मुआवजा की वापसी की प्रक्रिया जिला प्रशासन शुरू कर रहा है और ना ही दोषियों पर एफ आई आर दर्ज करवा रहे हैं आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि अपर कलेक्टर फाइल अपने पास ले गए हैं जिसकी वजह से काम रुका हुआ है ।
बाइट(1) संजय पांडे आरटीआई कार्यकर्ता।
वहीं इस मामले में अपर कलेक्टर का कहना है कि चुरहट से कोई फाइल हमारे पास नहीं आई है मुआवजे की प्रक्रिया एसडीएम देखते हैं मुआवजा जिसने भी गलत बनाया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी हालांकि जो भी प्रस्ताव होता है जिला मुख्यालय भेजा जाता है अनुमोदन के बाद एसडीएम मुआवजा की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
बाइट(2) डीपी बर्मन (अपर कलेक्टर सीधी


Conclusion:बाहर हाल सवाल उठता है कि फर्जी रजिस्ट्री फर्जी मुआवजा वितरण मैं कहीं ना कहीं प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत साफ नजर आती है बावजूद इसके आरटीआई में मामला खुलासा होने के बाद भी अब जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है जिससे जाहिर होता है कि कहीं न कहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों की सांठगांठ हो सकती है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश।
Last Updated : Nov 29, 2019, 7:24 AM IST
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