सीधी। सीधी से रीवा तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जबकि चुरहट बाइपास पर जमीन अधिगृहित करने के मामले में साढ़े चार एकड़ जमीन के लिए 7 करोड़ का फर्जी मुआवजा 26 लोगों के बीच बांट दिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने मुआवजा वापसी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की है.
आरटीआई कार्यकर्ता संजय पांडे ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो पता चला कि जमीन की पहले फर्जी रजिस्ट्री की गई, फिर 26 लोगों को अलग-अलग टुकड़ों में जमीन बांट कर मुआवजा दे दिया गया. तत्कालीन तहसीलदार ने फर्जी बंटवारे को निरस्त कर दिया था, उसके बाद नियम के खिलाफ जाकर अपर कलेक्टर फाइल अपने ऑफिस ले गए. रीवा संभाग के कमिश्नर ने मामला संज्ञान में लेते हुए फर्जी बंटवारा निरस्त कर दिया था.
अब इस मामले में न तो मुआवजा की वापसी की प्रक्रिया जिला प्रशासन शुरू कर रहा है और न ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज करवा रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि फाइल अपर कलेक्टर के पास होने से काम रुका हुआ है.