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सीधी घोटाला: किसानों के घर नहीं पहुंचा ट्रैक्टर, फिर भी सहकारी बैंक ने कर्ज वसूली का भेज दिया नोटिस - सीधी केन्द्रीय सहकारी बैंक में घोटाला

सीधी जिले के केन्द्रीय सहकारी बैंक के गांधीग्राम शाखा में एक और घोटाला सामने आया है. यहां पर ट्रैक्टर बिक्री करने के नाम पर 2 करोड़ से अधिक का घोटाला कर किसानों को कर्जदार बना दिया गया है. मामले में मुख्यमंत्री के हस्ताक्षेप के बाद जांच की जा रही है.

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जिला सहकारी बैंक
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Published : Jun 19, 2021, 6:31 AM IST

Updated : Jun 19, 2021, 7:46 AM IST

सीधी। जिले के केन्द्रीय सहकारी बैंक के कर्मचारियों के घोटाले की पोल एक बार फिर खुल गई है. इस बार घोटालेबाज कर्मचारियों को बेनकाब करने के लिये कोई और नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के विधायक आगे आये हैं. उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने जांच के निर्देश जारी किये हैं. सीधी कलेक्टर ने चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी है.

क्या है मामला

किसानों को लोन देने से लेकर कृषि उपकरण मुहैया कराने, ऋण माफी योजना मे पलीता लगाने के लिये बहुचर्चित हो चुके जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के तत्कालीन कर्मचारियों, अधिकारियों ने मिलकर किसानों की कृषि उपकरण ट्रैक्टर बिक्री करने के नाम पर 2 करोड़ से अधिक का घोटाला कर किसानों को कर्जदार बना दिया है.

किसानों को ट्रैक्टर लेने कि जानकारी तब हुई जब बैंक वसूली करने उनके घर पहुंच गया और नोटिस थमा दिया. नोटिस देखकर किसानों के होश उड़ गए. किसानों ने बैंक और प्रशासन के उत्पीड़न से बचाने के लिये सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल से गुहार लगाई. विधायक ने अपने स्तर से हकीकत का परीक्षण कराया तो ऐसे लोगों के नाम पर ट्रैक्टर देने का खेल खेला गया है, जिनके पास कृषि योग्य भूमि ही नहीं है.

किसानों के साथ हुए धोखे कि जानकारी कलेक्टर को देने के साथ-साथ सहकारी बैंक के अधिकारियों को दी गई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. विधायक केदारनाथ शुक्ल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर असलियत से अवगत कराया.

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चार सदस्यीय टीम गठित

मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सहकारिता के प्रमुख सचिव को निर्देशित कर जांच के बाद दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। प्रमुख सचिव ने कलेक्टर को जांच कराने हेतु निर्देशित किया तो कलेक्टर ने अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली के नेतृत्व मे चार सदस्यीय टीम गठित की है.

जांच टीम ने गांधी ग्राम की सहकारी समितियों के दस्तावेजों का परीक्षण करना शुरू कर दिया है. सूत्रों कि माने तो वर्ष 2011 से 13 के बीच 133 किसानों को ट्रैक्टर बेचने का दस्तावेज विधायक ने सौंपा था, लेकिन जांच मे 146 ट्रैक्टर बेचने का उल्लेख मिला है. जिसका परीक्षण किया जा रहा है.

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ट्रैक्टर एजेंसियों कि भूमिका संदिग्ध

किसानों को कृषि उपकरण सहित ट्रैक्टर बिक्री करने के घोटाले में सहकारी बैंक कि भूमिका जितनी महत्वपूर्ण है उतनी ही संदिग्ध भूमिका किसानों के नाम पर ट्रैक्टर देने वाली एजेंसियों की भी सामने आ रही है. जिन किसानों के पास जोतने के लिए भूमि नहीं है ,उनको बैंक ने लोन पास किया है और ट्रैक्टर एजेसिंयों ने ट्रैक्टर की फोटो खींचकर मुहैया कराया है.

इस मामले में विधायक केदार नाथ शुक्ला ने कहा कि जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के गांधीग्राम शाखा की समितियों ने ऐसे किसानों के नाम पर ट्रैक्टर ऋण दिया है, जिनके पास सिर छुपाने के अलावा जमीन नहीं है. उन्हें जानकारी दिये बगैर ऋण निकाला गया है, उनके पास जब नोटिस गई तो जानकारी हुई. इस बात की शिकायत मुझसे कि गयी तो मैने जांच और कार्रवाई के लिये मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. जांच शुरू हो गई है और जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

सीधी। जिले के केन्द्रीय सहकारी बैंक के कर्मचारियों के घोटाले की पोल एक बार फिर खुल गई है. इस बार घोटालेबाज कर्मचारियों को बेनकाब करने के लिये कोई और नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के विधायक आगे आये हैं. उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने जांच के निर्देश जारी किये हैं. सीधी कलेक्टर ने चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी है.

क्या है मामला

किसानों को लोन देने से लेकर कृषि उपकरण मुहैया कराने, ऋण माफी योजना मे पलीता लगाने के लिये बहुचर्चित हो चुके जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के तत्कालीन कर्मचारियों, अधिकारियों ने मिलकर किसानों की कृषि उपकरण ट्रैक्टर बिक्री करने के नाम पर 2 करोड़ से अधिक का घोटाला कर किसानों को कर्जदार बना दिया है.

किसानों को ट्रैक्टर लेने कि जानकारी तब हुई जब बैंक वसूली करने उनके घर पहुंच गया और नोटिस थमा दिया. नोटिस देखकर किसानों के होश उड़ गए. किसानों ने बैंक और प्रशासन के उत्पीड़न से बचाने के लिये सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल से गुहार लगाई. विधायक ने अपने स्तर से हकीकत का परीक्षण कराया तो ऐसे लोगों के नाम पर ट्रैक्टर देने का खेल खेला गया है, जिनके पास कृषि योग्य भूमि ही नहीं है.

किसानों के साथ हुए धोखे कि जानकारी कलेक्टर को देने के साथ-साथ सहकारी बैंक के अधिकारियों को दी गई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. विधायक केदारनाथ शुक्ल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर असलियत से अवगत कराया.

DIG इरशाद अली का खुलासा : IAS लोकेश जांगिड़ को जिस सिग्नल से मिली धमकी, वह पूरी तरह से बंद

चार सदस्यीय टीम गठित

मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सहकारिता के प्रमुख सचिव को निर्देशित कर जांच के बाद दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। प्रमुख सचिव ने कलेक्टर को जांच कराने हेतु निर्देशित किया तो कलेक्टर ने अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली के नेतृत्व मे चार सदस्यीय टीम गठित की है.

जांच टीम ने गांधी ग्राम की सहकारी समितियों के दस्तावेजों का परीक्षण करना शुरू कर दिया है. सूत्रों कि माने तो वर्ष 2011 से 13 के बीच 133 किसानों को ट्रैक्टर बेचने का दस्तावेज विधायक ने सौंपा था, लेकिन जांच मे 146 ट्रैक्टर बेचने का उल्लेख मिला है. जिसका परीक्षण किया जा रहा है.

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ट्रैक्टर एजेंसियों कि भूमिका संदिग्ध

किसानों को कृषि उपकरण सहित ट्रैक्टर बिक्री करने के घोटाले में सहकारी बैंक कि भूमिका जितनी महत्वपूर्ण है उतनी ही संदिग्ध भूमिका किसानों के नाम पर ट्रैक्टर देने वाली एजेंसियों की भी सामने आ रही है. जिन किसानों के पास जोतने के लिए भूमि नहीं है ,उनको बैंक ने लोन पास किया है और ट्रैक्टर एजेसिंयों ने ट्रैक्टर की फोटो खींचकर मुहैया कराया है.

इस मामले में विधायक केदार नाथ शुक्ला ने कहा कि जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के गांधीग्राम शाखा की समितियों ने ऐसे किसानों के नाम पर ट्रैक्टर ऋण दिया है, जिनके पास सिर छुपाने के अलावा जमीन नहीं है. उन्हें जानकारी दिये बगैर ऋण निकाला गया है, उनके पास जब नोटिस गई तो जानकारी हुई. इस बात की शिकायत मुझसे कि गयी तो मैने जांच और कार्रवाई के लिये मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. जांच शुरू हो गई है और जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

Last Updated : Jun 19, 2021, 7:46 AM IST
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