सीधी। रामपुर नेकिन थाना इलाके में मंगलवार को हुए बस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. बस ड्राइवर और शासन की लापरवाही की वजह से 51 लोग मौत के मुंह में समा गए हैं. अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बुधवार को CM शिवराज सिंह भी सीधी आए हैं, जहां वे मृतक के परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं. सीधी बस एक्सीडेंट में एक ही गांव से चार लोगों की मौत हुई है, जिसके बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं CM के आने की खबर से प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा हुआ है.
जानें हादसे के बारे मेंः
- मंगलवार को सीधी में रामपुर नेकिन के पाटन पुलिया के पास यात्री से भरी बस नहर में गिर गई थी. बस सीधी से सतना जा रही थी. इस हादसे में 51 लोगों की मौत हो चुकी है. बाकी यात्रियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
- बस में 58 यात्री सवार थे. बस सुबह अपने तय रुट पर थी. आगे रास्ते में जाम लगने की वजह से ड्राइवर ने नहर वाला अलग रूट अपनाया था.
- जब बस रामपुर के नेकिन इलाके से सुबह करीब 7.30 बजे गुजर रही थी. तब ही ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से खत्म हो गया. इसके बाद अनियंत्रित बस बाणसागर नहर में गिर गई.
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- आनन-फानन में रेस्क्यू शुरू किया गया, फिर भी 50 यात्रियों को नहीं बचाया जा सका, उनके शव नहर से निकाल लिए गए हैं. जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस समय नहर में पानी ज्यादा था. पानी का बहाव भी तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला.
- जिस नहर में बस गिरी है, वो नहर बाणसागर डैम से निकलती है. जो कि करीब 22 फीट गहरी है. तेज बहाव की वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आईं हैं. हादसे के करीब 4 घंटे बाद सुबह 11.45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया.
एक ही गांव के चार लोगों की गई जान
सीधी शहर से लगे हुए कुकड़ीझर गांव के चार लोगों की जिंदगी इस बस एक्सीडेंट में चली गई है. जानकारी के मुताबिक अरविंद विश्वकर्मा, उम्र 22 साल अपनी बहन रागिनि को लेकर नर्सिंग की परीक्षा के लिए सतना जाने रवाना हुए थे. ये दोनों सुबह करीब 4 बजे अपने घर से निकले थे. इन्हें क्या पता था कि जिस बस से वह जा रहे हैं, वह बस यमराज बन कर रवाना हो रही है.
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इस तरह शिक्षक रामसुख साकेत अपनी 21 साल की बेटी अमर ज्योति को लेकर घर से सुबह चार बजे निकले थे. पांच बजे बस सीधी से रवाना हुई इन्हें भी नहीं पता कि वो जिस बस में सवार होकर सफर करने जा रहे हैं, वो मौत बन कर सड़क पर दौड़ रही है. बस रामपुर नेकिन से सुबह साढ़े सात बजे करीब 58 लोगों को लेकर सतना के लिए रवाना हो गई. बघवार के पास छुहिया घाटी पर जाम लगे रहने से बस नहर किनारे शॉर्टकट से निकल रही थी. जानकारी के मुताबिक बस की स्पीड देख कर बस में सवार लोगों ने कई बार बस ड्राइवर को टोका की बस धीमी चलाएं, लेकिन सरदा तालाब के पास बस अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई. नहर में जाने के बाद मौतों का सिलसिला शुरू हुआ. अब तक 51 शव बरामद हो चुके हैं. मृतकों के परिजनों ने जो दस्ता बयां की उस पर रोंगटे खड़े हो गए हैं. हइस घटना में अब तक कुकड़ी झर गांव के अरविंद की लाश नहीं मिली है, जिसे खोजा जा रहा है.
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बहरहाल इस बस हादसे में प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है. छुहिया घाटी पर पिछले पांच दिनों से जाम लगा हुआ था, जिसे प्रशासन ने नहीं हटाया. वहीं 32 सीटर बस पर करीबव 60 लोग सवार थे. कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह भीषण हादसा सामने आया हैं.