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बस संचालकों ने किया टैक्स वसूली का विरोध, सीएम के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

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Published : Jun 18, 2020, 3:29 AM IST

तीन महीने से ज्यादा समय से बस के पहिए थमे हुए हैं. जिससे बस संचालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में बस संचालकों ने सरकार द्वारा की जा रही टैक्स वसूली का विरोध करते हुए जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है. पढ़िए पूरी खबर...

Bus Honor Association, Sidhi...
प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

सीधी। देश मे कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन में न सिर्फ आम आदमी परेशान हुए हैं, बल्कि बस संचालकों को भी भारी नुकसान हुआ है. लगभग तीन महीने से ज्यादा समय से बस के पहिए थमे हुए हैं. जिससे बस संचालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इसके बावजूद खड़ी बसों का टैक्स लिया जा रहा है, जिसका विरोध बस ऑनर एसोसिएशन ने किया है.

बस संचालकों ने किया टैक्स वसूली का विरोध

बस संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है. उनका कहना है कि बसों की वजह से न सिर्फ बस मालिकों के परिवार का गुजारा होता है, बल्कि कई परिवार इस वस व्यवसाय जुड़े होते हैं. बस मालिकों का कहना है कि अन्य राज्यों ने छह माह का टैक्स माफ किया है, लेकिन प्रदेश सरकार ने कोई ठोस कदम बस संचालकों के हित में नहीं उठाया है.

जिले में खड़ी बसों का दस हजार से लेकर 18 हजार रुपए तक टैक्स लिया जा रहा है, जिससे 4 माह से खड़ी बसों का लाखों रुपए का टैक्स होता है, जिसे देने में बस संचालक असमर्थ हैं. वहीं ज्ञापन लेने के बाद जिला प्रशासन का कहना है कि ज्ञापन सीएम तक पहुंचाया जाएगा.

सीधी। देश मे कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन में न सिर्फ आम आदमी परेशान हुए हैं, बल्कि बस संचालकों को भी भारी नुकसान हुआ है. लगभग तीन महीने से ज्यादा समय से बस के पहिए थमे हुए हैं. जिससे बस संचालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इसके बावजूद खड़ी बसों का टैक्स लिया जा रहा है, जिसका विरोध बस ऑनर एसोसिएशन ने किया है.

बस संचालकों ने किया टैक्स वसूली का विरोध

बस संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है. उनका कहना है कि बसों की वजह से न सिर्फ बस मालिकों के परिवार का गुजारा होता है, बल्कि कई परिवार इस वस व्यवसाय जुड़े होते हैं. बस मालिकों का कहना है कि अन्य राज्यों ने छह माह का टैक्स माफ किया है, लेकिन प्रदेश सरकार ने कोई ठोस कदम बस संचालकों के हित में नहीं उठाया है.

जिले में खड़ी बसों का दस हजार से लेकर 18 हजार रुपए तक टैक्स लिया जा रहा है, जिससे 4 माह से खड़ी बसों का लाखों रुपए का टैक्स होता है, जिसे देने में बस संचालक असमर्थ हैं. वहीं ज्ञापन लेने के बाद जिला प्रशासन का कहना है कि ज्ञापन सीएम तक पहुंचाया जाएगा.

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