सीधी। जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर सिमरिया बाजार में अवैध झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक संचालित कर रहा था. यह लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए नजर आ रहा था. इसकी भनक सिमरिया बीएमओ वा जिला अधिकारी को लगी तब जाकर जिला दंडाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमएचओ के द्वारा आनन-फानन में कार्रवाई करने के लिए तहसीलदार सेमरिया, चौकी प्रभारी सिमरिया, बीएमओ सिमरिया की संयुक्त टीम बनाई गई और अवैध क्लीनिक संचालित करने वाले संचालक के खिलाफ कार्रवाई की गई.
- भारी मात्रा में दवाईयां जब्त, क्लीनिक सील
कोविड-19 के मामलों को देखते हुए जब लोगों की जान पर बन आई तब पर सीधी जिले का प्रशासन एक्टिव नजर आने लगा, गांव में दूरदराज क्षेत्र में जब कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तब लोग झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराते हैं. ऐसे में उनका स्वास्थ्य और खराब होने लगता है और उनकी जान पर बन आती है. ऐसा ही मामला कई बार आया है जहां पर सिमरिया क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज करने पर कई लोगों की जान पर बन आई, जब वहां जाकर देखा गया तो भारी मात्रा में दवाइयां मिली जिसका कोई प्रमाण नहीं मिला जब चिकित्सक के द्वारा उनसे दस्तावेज मागे गए, जब दस्तावेज उपलब्ध ना होने की वजह से क्लीनिक को सील कर दिया गया.
बिना डिग्री के संचालित हो रहे थे क्लिनिक, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में 2 दवाखाना सील
- मुखबिर के द्वारा मिली सूचना
जैसे यह मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि सिमरिया क्षेत्र में मां पार्वती क्लीनिक संचालित है और उसके पास कोई भी वैध दस्तावेज व लाइसेंस नहीं है तब प्रशासन की टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए क्लीनिक को सील कर दिया वह दवाइयों को जप्त करते हुए प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया पूरे कार्यवाही में बीएमओ सिमरिया चौकी प्रभारी सिमरिया तहसीलदार वाह जिले का स्टाफ मौजूद रहा.
एक बार फिर सीधी जिले में झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही हुई है। जिसकी वजह से जुड़ा छाप डॉक्टरों पर हड़कंप सा मच गया है अब देखने वाली बात है कि क्या अब अवैध क्लीनिक का संचालन कर रहे लोगों पर इसी तरह से कार्यवाही की जाएगी या फिर पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए या फिर से खोली जाएगी।