सीधी। जिला आयुष कार्यालय में पदस्थ लेखापाल आरके गुप्ता को लोकायुक्त पुलिस रीवा ने दस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. ये कार्रवाई गुरुवार दोपहर की गई है. फरियादी राममित्र से लेखापाल ने लंबित पेंशन प्रकरण के निराकरण के एवज में दस हजार की रिश्वत मांगी थी. मामले की शिकायत के आधार पर लोकायुक्त टीम ने जांच की और योजनाबद्ध तरीके से आरोपी को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया.
फरियादी ने बताया कि, वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्देश के बाद भी लेखापाल बिना रिश्वत काम करने को तैयार नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की, शिकायत मिलते ही हरकत में आई लोकायुक्त की टीम ने दबिश देकर आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
फरियादी राममित्र मिश्रा सतना जिले के अमरपाटन तहसील के ककलपुर गांव के रहने वाले हैं. वे 31 जनवरी 2020 को जिला आयुष कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे. रिटायरमेंट के बाद पेंशन बहाल करने की सिफारिश की, लेकिन लेखापाल आरके गुप्ता पेंशन प्रकरण तैयार करने में आनाकानी करता रहा. लेखापाल की टालमटोल वाली स्थिति से फरियादी को आए दिन 100 किलोमीटर से ज्यादा का सफर, सतना से सीधी तक का करना पड़ता था.
पेंशन प्रकरण नहीं बना, तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी को भी अवगत कराया, जिस पर बात नहीं बनी. वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशन पर पीड़ित समस्या की शिकायत लेकर लोकायुक्त पुलिस कार्यालय रीवा पहुंचा, लेकिन रिश्वत मांगने से संबंध स्पष्ट साक्ष्य नहीं थे, जिस कारण लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को टेप रिकॉर्डर देकर उसे आयुष कार्यालय भेजा. फिर फरियादी ने लेखापाल आरके गुप्ता से बातचीत की रिकॉर्डिंग करके लोकायुक्त पुलिस को दी, जिसमें लेखापाल ने तीन बार दस हाजर रुपए मांगे. करीब 3 घंटे चली इस कार्रवाई के बाद लेखापाल को मुचलके पर जमानत मिल गई है.