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ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन, कोटेदार की मनमानी से दाने-दाने को मोहताज गरीब

देश में कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन में ग्रामीण दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं. कहने को तो प्रशासन ने ग्रामीणों तक राशन पहुंचा दिया है लेकिन बीच में बैठे प्रशासन के नुमाइंदों को राशन देने में दुख हो रहा है. जिम्मेदार कह रहे हैं कि जो पात्र हैं उसे भी दिया जा रहा है, जो पात्र नहीं हैं उनके लिए भी शासन ने राशन की व्यवस्था की है.

Villagers are not getting ration
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन
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Published : May 1, 2020, 7:26 PM IST

सीधी। जिले के चुरहट ब्लॉक का ये पड़खुरी 586 गांव है, जहां तकरीबन 4 हजार की आबादी रहती है. लॉकडाउन के कारण गांव के लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में सरकार हर गरीब जनता को अनाज मुहैया कराने का दावा तो कर रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.

ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन

ग्रामीणों ने बताया कि जिन्हें 35 किलो अनाज मिलता था उन्हें अब महज 5 किलो ही अनाज दिया जा रहा है, जिनके पास कूपन हैं उन्हें अनाज नहीं दिया जा रहा है. गांव के कोटेदार वरुण सिंह चुरहट विधायक के करीबी कहलाते हैं वो भी अपनी मनमानी पर उतर आए हैं. कोटेदार साहब की इच्छा होगी तो वो गरीबों को अनाज देंगे, नहीं होगी तो नहीं देंगे.

जब इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि हर किसी के लिए शासन ने राशन देने की व्यवस्था की है, जिनके पास कूपन हैं या जो अपात्र हैं उन्हें भी 5 किलो अनाज दिया जा रहा है. लेकिन फिर भी सवाल तो ये उठता है कि जब लोगों के पास काम धंधा था तब उन्हें 35 किलो अनाज मिलता था लेकिन अब जब सबकुछ ठप हैं तो क्या ऐसे में 5 किलो अनाज से उनका पेट भर जाएगा.

सीधी। जिले के चुरहट ब्लॉक का ये पड़खुरी 586 गांव है, जहां तकरीबन 4 हजार की आबादी रहती है. लॉकडाउन के कारण गांव के लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में सरकार हर गरीब जनता को अनाज मुहैया कराने का दावा तो कर रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.

ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन

ग्रामीणों ने बताया कि जिन्हें 35 किलो अनाज मिलता था उन्हें अब महज 5 किलो ही अनाज दिया जा रहा है, जिनके पास कूपन हैं उन्हें अनाज नहीं दिया जा रहा है. गांव के कोटेदार वरुण सिंह चुरहट विधायक के करीबी कहलाते हैं वो भी अपनी मनमानी पर उतर आए हैं. कोटेदार साहब की इच्छा होगी तो वो गरीबों को अनाज देंगे, नहीं होगी तो नहीं देंगे.

जब इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि हर किसी के लिए शासन ने राशन देने की व्यवस्था की है, जिनके पास कूपन हैं या जो अपात्र हैं उन्हें भी 5 किलो अनाज दिया जा रहा है. लेकिन फिर भी सवाल तो ये उठता है कि जब लोगों के पास काम धंधा था तब उन्हें 35 किलो अनाज मिलता था लेकिन अब जब सबकुछ ठप हैं तो क्या ऐसे में 5 किलो अनाज से उनका पेट भर जाएगा.

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