शिवपुरी। पिछले एक दशक से भी लंबे समय से माधव नेशनल पार्क के लिए टाइगर कागजों में दहाड़ रहा था. तमाम पत्राचार, दावे और योजनाएं इसके लिए बनाई गईं, लेकिन जमीन पर कुछ खास असर दिखाई नहीं दे रहा था. लेकिन अब ये प्रयास रंग लाने लगा है. माधव नेशनल पार्क में टाइगर सफारी बनने को अनुमति मिल गई है. केंद्र सरकार ने इसके बावत सहमति दे दी है. इससे इलाके में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा.
माधव नेशनल पार्क में दहाड़ेंगे बाघ
गुना के सांसद डॉक्टर केपी यादव ने माधव नेशनल पार्क (Madhav National Park) में टाइगर सफारी को लेकर कई प्रयास किए थे. माधव राष्ट्रीय वन उद्यान के विकास के लिए राज्य से लेकर केंद्र स्तर तक तथा संसद भवन में भी लोकसभा सत्र के दौरान अपनी मांग रखी थी. सांसद यादव ने माधव नेशनल पार्क में बाघों के पुनर्वास एवं रणथंबोर,कान्हा राष्ट्रीय वन उद्यान की तर्ज पर टाइगर सफारी बनाने की मांग रखी थी. अंततः अब यह तय हो गया है कि शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में जल्द ही टाइगर की दहाड़ सुनने को मिलेगी. माधव राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर सफारी को लेकर केंद्र सरकार की सहमति प्राप्त हो गई है. विगत दिनों दिल्ली में संपन्न हुई केंद्र स्तरीय बैठक में माधव नेशनल पार्क की ओर से दिए प्रजेंंटेशन को देखने के बाद केंद्र ने माधव राष्ट्रीय वन उद्यान को टाइगर के लिए अनुकूल माना है. अब यहां से राष्ट्रीय वन उद्यान के स्टाफ प्रशिक्षण प्राप्त करने पन्ना जाएंगे.
पर्यटन की दिशा में होगा बड़ा बदलाव
टाइगर आने के साथ शहर के पर्यटन की दिशा में बड़ा बदलाव होगा और यहां रोजगार बढ़ेगा. टाइगर के सॉफ्ट रिलीज के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला इन्क्लोजर की तर्ज पर माधव राष्ट्रीय उद्यान में भी करीब 5 से 10 हेक्टेयर का इन्क्लोजर बनाया जाएगा. शाकाहारी प्राणियों के लिए 20 से 25 हेक्टेयर का इन्क्लोजर तैयार होगा. इसी तरह का करीब 25 हेक्टेयर का बाड़ा शाकाहारी वन्यप्राणियों के प्रजनन और संख्या वृद्धि के लिए भी बनाया जाएगा. जब टाइगर नए वातावरण के प्रति अभ्यस्त हो जाएगा तो फिर उसे पूरे क्षेत्र में घूमने के लिए खुला छोड़ दिया जाएगा.