शिवपुरी। पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित हुए नसबंदी शिविर में डांगबर्बे निवासी तीन बच्चों की मां कौशल्या (उम्र 26 साल) पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगे एलटीटी नसबंदी शिविर में पहुंची. महिला ने अपने सहयोग के लिए अपनी ननद कमलेश को बुला लिया था. महिला ऑपरेशन के बाद जब बाहर आई तो उसे अन्य महिलाओं के साथ ही पलंग पर लिटा दिया गया. ऑपरेशन के बाद महिला दर्द के कारण तड़प रही थी, जिस पर कमलेश ने वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ को इस बारे में बताया, परंतु स्टाफ ने यह कह दिया कि थोड़ा बहुत दर्द होता है जो सामान्य बात है. धीरे-धीरे दर्द बढ़ता गया और महिला की हालत लगातार गंभीर होती चली गई.
डॉक्टरों की लापरवाही आई सामने: कमलेश फिर नर्सिंग स्टाफ के पास पहुंची तो नर्स महिला को देखने के लिए आई, उसे जब यह महसूस हुआ कि महिला की हालत बहुत अधिक बिगड़ गई है तो उसने डॉक्टरों को बुलाया. डॉक्टर ने महिला को तत्काल शिवपुरी रैफर कर दिया, परंतु रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. माना जा रहा है कि अगर चिकित्सकीय स्टाफ समय पर महिला को देख लेता तो हो सकता है उसकी जान बच जाती. इस नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करने पहुंचे डॉ पीके खरे ने 50 महिलाओं के ऑपरेशन किए, जिनमें से कौशल्या की मौत हो गई. महिला की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए रविवार को तीन सदस्सीय डाक्टरों के पैनल ने महिला का पीएम किया.
परिजनों को मिलेगी दो लाख की सहायता: परिवार कल्याण के नोडल आफिसर डॉ राेहित भदकारिया के अनुसार, नसबंदी के दौरान महिला की मौत के मामले में कौशल्या के स्वजनों को नियमानुसार 2 लाख रुपये की सरकारी सहायता मिलेगी. दो लाख की इस राशि में से उसके स्वजनों को 50 हजार रुपये तत्काल नगद प्रदान कर दिए जाएंगे, जबकि शेष डेढ़ लाख रुपये पीएम रिपोर्ट के उपरांत नियमानुसार प्रदान किए जाएंगे. उन्होंने कहा हमने नसबंदी शिविर में नियमों का पूरा पालन किया था, गाइड लाइन के हिसाब से 50 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था, महिला की मौत का कारण क्या रहा, इसकी जानकारी तो पीएम रिपोर्ट के बाद ही लग सकेगी.