शिवपुरी। मध्यप्रदेश की पुलिस कुछ भी कर सकती है. यह नाबलिग को बालिग और बालिग को नाबालिग भी बना सकती है. शिवपुरी जिले के थाना गोवर्धन में पुलिस की बड़ी लापरवाही का एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है. यहां एक नाबालिग आदिवासी लड़के को पुलिस ने बालिग बनाकर जेल भेज दिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब नाबालिग लड़के के परिजनों ने इसकी शिकायत बाल संरक्षण अधिकारी और एससी ऑफिस में दर्ज कराई.
लापरवाही छिपाने में जुटी पुलिस: इसके बाद जब एसपी के आदेश पर पोहरी एसडीओपी ने जांच की और स्कूल के रिकार्ड से वेरिफाई किया तो पता चला कि आरोपी वाकई साढ़े 16 साल का है. हालांकि अब पुलिस अपनी लापरवाही छुपाने के लिए इसके लिए भी नाबालिग आदिवासी लड़के को ही दोषी ठहरा रही है. पुलिस का कहना है कि, गिरफ्तारी के समय लड़के ने अपनी उम्र 20 वर्ष बताई थी.
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नाबालिग ने 5 दिन बिताए जेल: इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी के समय नाबालिग लड़के की उम्र 20 वर्ष लिखकर केस दर्ज किया था, लेकिन असल में उसकी उम्र साढ़े 16 साल थी. पुलिस की इस लापरवाही के कारण नाबालिग लड़के को 5 दिन संगीन अपराधियों के साथ जेल में रहना पड़ा अब पुलिस की लापरवाही साबित होने के बाद अदालत ने किशोर को बाल सुधार गृह भेजने का फैसला सुनाया है. किशोर पर अब जुवेनाइल कोर्ट में केस चलेगा. किशोर के वकील ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है.किशोर ने अपराध किया है या नहीं, यह अदालत तय करेगी, लेकिन पुलिस की गलती के कारण किशोर को 5 दिन तक अपराधियों के बीच रखा गया. इस दौरान उसकी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा. इस केस में अभी जांच चल रही है. ग्रामीणों आरोपियों के परिजनों और पुलिस के बयान दर्ज कर जल्दी जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत कर दी जाएगी.