शिवपुरी। कोलारस पुलिस ने अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी मृतक के दोस्त हैं. हत्या की जो वजह सामने आई है, उसमें मृतक ने दोनों की चोरी का खुलासा कर दिया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है. कोलारस पुलिस ने बताया कि घटना 25 अप्रैल की है. रामप्रसाद पाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मेरा पुत्र हरभजन खरई वाले के यहां किराने की दुकान पर कोलारस में काम करता था, जो लौटकर नहीं आया. सुबह पता चला कि हरभजन की लाश पेड़ पर लटकी थी. (blind murder in kolaras)
दोस्तों की शिकायत करना पड़ा मंहगा: हरभजन कोलारस नगर में किराने की दुकान पर काम करता था. हर रोज वह गांव से कोलारस जाता था. इसी दुकान पर मोहन गिरी निवासी जेल रोड और बृन्दावन लोधी निवासी राजापुर भी काम करता था. दोनों से हरभजन की जिगरी यारी थी. हरभजन के दोनों दोस्त दुकान में सेंधमारी भी करते थे. कई दिनों बाद उसे इस बात का पता चला कि उसके दोनों दोस्त दुकान में चोरी करते हैं. उसने यह गलत काम करने से अपने दोस्तों को रोका, तो उसके दोस्त नहीं माने. हरभजन ने चोरी की शिकायत दुकान मालिक बंटी से कर दी थी. इसके बाद बंटी ने बृन्दावन लोधी को दुकान से निकाल दिया. कुछ दिनों बाद मोहन गिरी की भी दुकान से छुट्टी कर दी गई. इसी बात से नाराज मोहन गिरी और बृन्दावन ने अपने दोस्त हरभजन की हत्या की साजिश रच डाली. (shivpuri police exposure blind murder case)
पेड़ पर लटका मिला था शव: 25 अप्रैल की शाम भड़ौता चक जाते हुए हरभजन उन्हें मिल गया. कई दिनों बाद मिले दोस्तों की नीयत का अंदेशा हरभजन को नहीं था. हरभजन के दोनों दोस्तों ने उसे शराब पार्टी करने के लिए राजी कर लिया. वह उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा कर शराब पिलाने ले गए. शराब पार्टी के बाद हरभजन के दोस्तों ने उसे लड़की से मिलवाने का लालच देकर मौका-ए-वारदात पर ले जाया गया. यहां पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से मारपीट की गई. फिर रस्सी की मदद से हरभजन को सूखे पेड़ पर जबरदस्ती फांसी पर लटका दिया. इस बीच हरभजन का मोबाइल निकालकर अन्य स्थान पर कुएं में फेंक दिया था. (shivpuri police murder case accused arrested)
नहीं मिल रहा था काम, हरभजन था जिम्मेदार: मामले में हरभजन को मारने वाले दोस्त मोहनगिरी और बृंदावन लोधी ने पुलिस को बताया कि उन्हें दुकान के निकाले जाने के बाद कोई काम नहीं मिल रहा था. लोग चोर की निगाह से देख रहे थे. दोनों ही रोजगार न मिलने से नाराज थे. इसका जिम्मेदार हरभजन को माना जा रहा था. इसी बात से नाराज दोनों ने साजिश रचकर अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया था.