शिवपुरी। कोरोना महामारी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज का नया अस्पताल ताे आनन फानन में चालू कर दिया गया. लेकिन यहां गंभीर मरीज रेफर होकर आ रहे हैं. ऐसे मरीजों की लगातार मौत हो रही है. कॉलेज प्रबंधन ने प्रशासन के सामने सारी स्थिति रखी, तो कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने शिवपुरी के सभी कोविड अस्पतालों को पत्र जारी कर कोविड मरीजों का पूरा इलाज करने के लिए कहा है, ताकि रेफर करने की नौबत न आए.
शिवपुरी कॉलेज की चौखट और रास्ते में एंबुलेंस में ऐसे छह मरीज दम तोड़ चुके हैं. यदि उनका संबंधित हॉस्पिटल में ही इलाज चल रहा होता, तो शायद उनकी जान न जाती, ग्वालियर कमिश्नर के अनुमोदन पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सभी प्राइवेट कोविड अस्पतालों को पत्र लिखा है कि आप अपने अस्पताल में कोविड-19 के जिन मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे हैं, उनका पूरा इलाज करें, क्योंकि यह देखने में आया है कि आप इलाज के दौरान मरीज के गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भेज देते हैं. लेकिन मरीज की या तो रास्ते में या भर्ती होने के 12 घंटे के भीतर मौत हो जाती है, यह किसी भी पहलू पर ठीक नहीं है, इससे जिले की मृत्युदर भी बढ़ रही है.
निजी अस्पताल में मां की मौत, बेसहारा बच्चों पर इलाज का 1 लाख कर्ज
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश देते हुए लिखा है कि कोविड मरीजों को भर्ती कर संपूर्ण इलाज सुनिश्चित करें और मरीज और उनके परिजनों को बीमारी के विषय में समझाएं, जिससे उनमें बीमारी और अस्पताल संबंधी गलतफहमी पैदा न हो और कोशिश करें कि कम से कम मरीज गंभीर स्थिति में रेफर करना पड़े.
मेडिकल कॉलेज में 19% तक पहुंची मृत्युदर
मेडिकल कॉलेज का नया अस्पताल 20 अप्रैल 2021 को अपग्रेडेड आईसीयू के साथ शुरू हो गया था. 21 दिन में 351 मरीज भर्ती हो चुके हैं जिसमें से 171 ठीक होने पर डिस्चार्ज हो चुके हैं 66 मरीजों की मौत हो चुकी है यानी भर्ती मरीजों की तुलना में मृत्युदर 19% तक पहुंच गई है. वर्तमान में आईसीयू में सभी 40 बेड भरे हैं और आइसोलेशन के 90 में से 47 बेड भरे हुए हैं.
मेडिकल काॅलेज में रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) कार्यालय शुरू
शासकीय मेडिकल कॉलेज का हॉस्पिटल चालू होने के बाद मरीज की मौत होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर परेशानी आ रही थी, इसी को लेकर सोमवार को मेडिकल काॅलेज में रजिस्ट्रार कार्यालय शुरू किया गया है.